December 23, 2024

इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी तथा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, दरभंगा द्वारा कार्यक्रम आयोजित

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मौत का जहर है फिजाओं में, अब कहां जाकर सांस ली जाए- डॉ एके गुप्ता
विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर ‘मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार’ विषयक परिचर्चा आयोजित
स्वस्थ्य मानव जीवन की सर्वोत्तम संपत्ति तथा सुखी एवं सफल जीवन का मूल आधार- डॉ चौरसिया
दरभंगा 
समाज में हर व्यक्ति को स्वस्थ जीवन जीने का अधिकार है, स्वस्थ जीवन के लिए शुद्ध वायु तथा भोजन का अभाव होता जा रहा है। भारत में अधिक गरीबी, कचरा- प्रबंधन का अभाव तथा पब्लिक हेल्थ की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण बीमार व्यक्तियों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है। उक्त बातें विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी तथा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, दरभंगा शाखा के संयुक्त तत्वावधान में आईएमए के सभागार में मुख्य वक्ता के रूप में प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ एवं डीएमसी के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ एके गुप्ता ने कही। डॉ गुप्ता ने वायु प्रदूषण को हार्ट अटैक सहित अनेक बीमारियों का प्रमुख कारण बताते हुए कहा कि मौत का जहर है फिजाओं में, अब कहां जाकर सांस ली जाए? उन्होंने कहा कि कोविड के बाद मानसिक रोगियों की तथा खराब लाइफस्टाइल के कारण लोगों में हाइपरटेंशन, हृदयरोग, मोटापा तथा डायबिटीज आदि तेजी से बढ़ रहा है।
डॉ गुप्ता ने कहा कि हमलोग संकल्प लें कि खुद स्वस्थ रहते हुए बिना भेदभाव के समाज को भी स्वस्थ बनाएंगे और स्वादिष्ट की जगह स्वास्थ्यवर्धक एवं घर में बना खाना को ही अपनाएंगे। उन्होंने स्वस्थ एवं प्रसन्न रहने के लिए सोशल मीडिया की जगह समाजसेवा में ज्यादा समय देने का आग्रह करते हुए भारत में जीवन- प्रत्याशा 60 से बढ़कर 70 वर्ष हो जाने की जानकारी दी। वे ज्यादा चीनी, नमक, फैट, तेलीय तथा मसालेदार फूड की जगह हरी सब्जी, सलाद तथा फल आदि एंटीऑक्सीडेंट भोजन लेने की सलाह दी।मुख्य अतिथि के रूप में दरभंगा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ के एन मिश्रा ने विश्व स्वास्थ्य दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि सकारात्मक सोच ही स्वास्थ्य की कुंजी है। हमें अपने स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। विशिष्ट अतिथि के रूप में दरभंगा के अनुमंडल पदाधिकारी विकास तिवारी ने स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक को स्वाभिमान के साथ जीने का अधिकार है। स्वास्थ्य रक्षा हमारा मूल अधिकार होना चाहिए। उन्होंने मतदान को महत्वपूर्ण बताते हुए उपस्थित लोगों को स्वच्छ एवं निष्पक्ष मतदान करने का शपथ दिलाया।
विशिष्ट वक्ता के रूप में मिथिला विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ आर एन चौरसिया ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य दिवस वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) की स्थापना की वर्षगांठ के रूप में 1950 ईस्वी से ही लगातार पूरे विश्व में मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य आम लोगों को स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूक करना तथा स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है। स्वास्थ्य के अंतर्गत सामाजिक, मानसिक, बौद्धिक, आध्यात्मिक तथा सामाजिक स्वास्थ्य आते हैं। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य दिवस- 2024 का थीम “मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार” है जो सभी लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं तक समान पहुंच तथा अधिकार पर केन्द्रित है। डॉ चौरसिया ने स्वास्थ्य को ही मानव की सर्वोत्तम संपत्ति तथा सुखी व सफल जीवन का मूल आधार बताते हुए कहा कि स्वास्थ्य हमारे जीवन की गुणवत्ता तथा कार्यक्षमता को बढ़ाता है। स्वास्थ्य विकास कर ही हम भारत को विकसित राष्ट्र बना सकते हैं।
वक्ता सुनील कुमार सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य पूर्ण जीवन जीना एक कला है। अपने जीवन में थोड़ा सा बदलाव कर हम अपने जीवन को स्वस्थ बना सकते हैं।आईएमए के अध्यक्ष डॉ आमोद झा ने स्वागत संबोधन एवं विषय प्रवेश करते हुए स्वास्थ्य रक्षा के लिए सामूहिक प्रयास करने की जरूरत पर प्रकाश डाला। इस अवसर राजेश बोहरा तथा मनमोहन सरावगी आदि ने भी अपने विचार रखें। कार्यक्रम का संयोजन डॉ आरबी खेतान तथा डॉ सुशील कुमार ने किया। परिचर्चा में डॉ एस एन सर्राफ, डॉ ओम प्रकाश, प्रो विद्यानाथ झा, डॉ प्रवीर सिन्हा, डॉ लता खेतान, तरुण मिश्रा, आलोक कुमार, डा एके कश्यप, डॉ मो नेहाल, डॉ कन्हैया झा, प्रमोद गुप्ता, मनोरंजन अग्रवाल, राजकुमार पासवान, मुकेश खेतान, अरुण सर्राफ, आलोक सिंह, रक्तदाता उमेश प्रसाद, दिनेश कुमार दास, सत्येंद्र कुमार तथा संतोष झा आदि उपस्थित थे।
आगत अतिथियों का स्वागत मोमेंटो एवं फूल के पौधों आदि से किया गया। वहीं उपस्थित सभी लोगों को भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी की ओर से पल्स ऑक्सीमीटर तथा मास्क आदि दिए गए, जबकि आईएमए को दो आक्सीजन कोनसेंट्रेटर प्रदान किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में राष्ट्रगान जन गण मन.. हुआ, जबकि परिचर्चा का उद्घाटन दीप प्रज्वलन से हुआ। वहीं संचालन राघवेंद्र कुमार तथा डॉ सुशील कुमार ने संयुक्त रूप से किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन आशीष सर्राफ ने किया।

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