गिरिजा स्थान मंदिर ,फुलहर, विकास से अछूता, 40 ,वर्षों से ठग रहा है सांसद और सरकार
ऐतिहासिक मंदिर गिरिजा स्थान
धार्मिक धरोहर देवी माता गिरिजा
मधुबनी
मोहन झां
देश के आजादी के बाद लोकसभा का चुनाव होता रहा है। चुनाव के समय प्रत्याशी क्षेत्र के विकास के लिए कई वादे करते हैं। वादे के समय देवी देवताओं के नाम पर शपथ भी कहते हैं। लेकिन चुनाव का कार्यक्रम संपन्न हो जाता है तो सभी वादे घरी की धरी रह जाती है। मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के एक ऐतिहासिक स्थल है। रामायण काल का, जिसकी चर्चा प्रत्येक दिन देश के विभिन्न धार्मिक स्थलों में की जाती है रामायण की चर्चा या कथा होती है तो इस स्थल का चर्चा होता ही है। मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के तहत हरलाखी विधानसभा क्षेत्र है। हरलाखी प्रखंड अंतर्गत फुलहर एक गांव है, जिसमें रामायण काल के ऐतिहासिक स्थल गिरिजा मंदिर है ।प्राचीन काल में यहाँ उपवन के बीच गिरिजा माता का मंदिर बना हुआ था। मिथिला नरेश जनक के महल के नजदीक अवस्थित इस उपवन में तरह तरह के फूल और फल वृक्ष थे । माता जानकी अपनी बाल्यावस्था से ही यहाँ गौरी पूजन के लिये आतीं थी ।
सीता सयंवर,धनुष भंग से पहले श्री रामचरित मानस के अनुसार यहां माँ सुनयना ने सीता मां को गिरिजा पूजन के लिए भेजा करती थी। सीता स्वयंवर के समय भगवान श्री राम और लक्ष्मण जी अयोध्या से अपने गुरु विश्वामित्र जी के साथ गिरिजा स्थान में ठहरे हुए थे । राम व लक्ष्मण जी विश्वामित्र जी की पूजा के लिए पुष्प लेने फुलवारी में आए थे। यह वह स्थान है जहां भगवान राम और देवी सीता जी का प्रथम दर्शन एक दूसरे को हुआ था।यह मिथिला के राजा जनक का पुष्प उद्यान था । देवी भगवती का एक बहुत प्रसिद्ध मंदिर जिसे गिरिजा स्थान के नाम से जाना जाता है।इस स्थान का उल्लेख प्राचीन भारत के कई हिंदू ग्रंथों में मिलता है। इस स्थान को 2020 में बिहार सरकार द्वारा हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए पर्यटन केंद्र के रूप में मान्यता दी गई है। परंतु आज तक इस स्थल का विकास नहीं हो सका। मंदिर की स्थिति काफी दयनीय है। मंदिर के बगल में एक सुंदर सा तालाब है जो आकर्षण का केंद्र है उक्त तालाब का आकर्षक ढंग से निर्माण नहीं कराया गया है। इस स्थान पर प्रत्येक वर्ष लाखों श्रदलु आते हैं। माता गिरिजा का पूजा अर्चना करते हैं और ऐतिहासिक स्थल होने के करण लोग यहां रामायण काल का महत्व को भी समझते हैं। परंतु बिहार सरकार हो या केंद्र सरकार इस स्थल के विकास के लिए कोई प्लानिंग नहीं की है। मधुबनी से कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और 20 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी के सांसद बनते रहे है। चुनाव के समय प्रत्याशी यहां आकर विकास करने के लिए शपथ भी लेते हैं परंतु चुनाव संपन्न होने के बाद वही खीर के तीन फांक बाली कहावत रह जाती है। इस बार भी लोकसभा चुनाव में स्थानीय लोगों का एक बड़ा मुद्दा है। कब होगा फुलहर में माता गिरजा स्थान का चौमुखी विकास।