मोदी के नाम पर 15 वर्षों से एक ही परिवार के सदस्य बन रहे हैं सांसद, नहीं है विकास का कोई एजेंडा, नाम पर राज करने जुटे हैं पिता- पुत्र,
भाकपा और कांग्रेस के गढ में 15 वर्षों से लहरा रहा है भगवा
मधुबनी
मोहन झां
देश में लोकसभा चुनाव की चर्चा काफी जोर शोर से चल रही है। बिहार मैं भी लोकसभा चुनाव की सर गर्मी उफान लेने लगी है। एनडीए और महागठबंधन एक दूसरे को पटखनी देने के लिए दमदार प्रत्याशी की तलाश की जा रही है। बिहार के सबसे अधिक बाढ़ पभावित लोक सभा क्षेत्र मधुबनी है। मधुबनी लोक सभा क्षेत्र में 6 विधानसभा क्षेत्र है। मधुबनी जिले के पश्चिम क्षेत्र जो भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित है । मधुबनी, बेनीपट्टी, हरलाखी, बिस्फी, विधानसभा क्षेत्र एवं दरभंगा जिले के जाले एवं केवटी विधान सभा क्षेत्र मिलकर मधुबनी लोकसभा क्षेत्र का गठन किया गया है। मधुबनी का नाम विश्वस्तर पर अंकित है। मधुबनी पेंटिंग, मिथिला पेंटिंग, माछ (मछली) मखाना और पान, से प्रसिद्ध है। मधुबनी भारतीय संस्कृति, धार्मिक दृष्टिकोण से भी काफी प्रसिद्ध है। मधुबनी की धरती विद्वानों की धरती है। जहां विश्व विख्यात महाकवि विद्यापति का जन्मस्थली है, वही महाकवि कालिदास का ज्ञान भूमि हैं। सिद्धपीठ उच्चैठ भगवती स्थान, रामायण काल के गिरिजा स्थान, महाभारत काल के गोंडेश्वर स्थान, और कपिलेश्वर स्थान प्राचीन काल क्षेत्र के प्रसिद देवस्थल है। मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के बेनीपट्टी, बिस्फी,जाले, विधानसभा क्षेत्र बाढ़ के चलते जिंदगी चुनौती बनी रहती है। हर साल बाढ़ में लाखों लोग प्रभावित होते हैं। फसल तो बर्बाद होती ही है, लोगों की जानें भी जाती है। चुनाव में भी इसका असर दिखाई पड़ता है। यहां की जनता की मुख्य मांगों में से एक महत्वपूर्ण मांग बाढ़ से निजात दिलाना है। जनता चाहती है कि जनप्रतिनिधि इस समस्या का स्थायी निदान करें। सभी दलों के उम्मीदवारों को जनता के सामने इसका जवाब देना होगा। विधानसभा चुनावों में भी बाढ़ एक बड़ा मुद्दा बनकर उठती है। हालांकि क्षेत्र में हालात ऐसा है कि बाढ़ के समय हफ्तों लोगों का संपर्क बाहरी दुनिया से कटा रहता है। 2019 के चुनाव में बीजेपी के अशोक यादव सफल रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में 2019 में यहां से बीजेपी प्रत्याशी अशोक यादव ने भारी जीत हासिल की थी। उन्होंने विपक्षी गठबंधन के प्रत्याशी बद्री कुमार पूर्वे को हराया था। उनकी हार में कांग्रेस के बागी शकील अहमद के वोट काटने की भी बड़ी भूमिका थी। अशोक यादव ने 4,54,940 वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की थी। यह सिलसिला इस बार रहेगा कि नहीं, यह कहना मुश्किल है। लेकिन अभी बिहार में जिस तरह के हालात है, वह बहुत नामुमकिन भी नहीं है। विपक्ष में ठोस एकता जैसी चीज नहीं दिख रही है। बीजेपी, जेडीयू चीराग, उपेंद्र कुशवाहा और हिंदुस्तानी अवाम पार्टी के फिर साथ आने से एनडीए फिर मजबूत दिख रही है। हालांकि आरजेडी, कांग्रेस भाकपा,माले, भी मैदान में पूरी दमदारी के साथ कूदने जा रही है। संयुक्त रूप से अगर ठोस उम्मीदवार देता है तो लड़ाई काफी दिलचस्प होगा। अशोक यादव को बीजेपी से फिर टिकट मिलने की संभावना है। विपक्ष से गुलाब यादव मैदान में दावा ठोंक सकते हैं। गुलाब यादव का जिले की राजनीति में खासा असर देखा जा रहा है।. जिला परिषद अध्यक्ष पद पर उनकी पुत्री बिन्दु गुलाब यादव काबिज हैं। वहीं एमएलसी पद पर पत्नी अम्बिका गुलाब यादव हैं। जिले की राजनीति में उनकी अहम भूमिका देखी जा रही है। गुलाब यादव को अगर किसी पार्टी से टिकट नहीं मिली तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। राष्ट्रीय जनता दल के पर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव का नाम नाम की चर्चा क्षेत्र में हो रही है। देवेंद्र प्रसाद यादव लालू प्रसाद यादव के निकटतम लोग माने जा रहे हैं। तीसरा उम्मीदवार की भी चर्चा है जिसका नाम स्पष्ट नहीं हो पा रहा है।मधुबनी ऐसी सीट है, जहां से कोई एक पार्टी का वर्चस्व कभी नहीं रहा। यहां की जनता कभी कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय जनता पार्टी पर भरोसा जताती रही।मधुबनी देश आजादी के समय से ही कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का गढ़ माना जाता रहा है। परंतु बदलते राजनीतिक व्यवस्था के बाद भारतीय जनता पार्टी ने अपना गढ़ बनने में कामयाब हुआ है। मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के 6 विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के चार विधायक हैं। बेनीपट्टी से विनोद नारायण झा, बिस्फी से हरीभूषण ठाकुर बचौल, जाले से जीवेश मिश्रा, केवटी से मुरारी मोहन झा, हरलाखी से जदयू विधायक सुधांशु शखर हैऔर मधुबनी से राजद विधायक समीर महासेठ है। मधुबनी लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के एक एमएलसी घनश्याम ठाकुर भी हैं। इससे स्पष्ट है कि मधुबनी लोकसभा सीट में एनडीए का ताकत काफी मजबूत है। मधुबनी लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशियों की चर्चा काफी तेज है जिसमें भारतीय जनता पार्टी की ओर से वर्तमान सांसद डॉ अशोक कुमार यादव ,पूर्व एमएलसी सुमन महासेठ, प्रदेश कार्य समिति के सदस्य वेंकटेश चौधरी और राष्ट्रीय महिला मोर्चा के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ किरण कुमारी झा के नाम की चर्चा प्रदेश में चल रही है। इसी तरह राष्ट्रीय जनता दल में पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव झंझारपुर के पूर्व विधायक गुलाब यादव की चर्चा की जा रही है। कांग्रेस की ओर से अभी तक किसी नाम का चर्चा नहीं देखा जा रहा है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय को को महा गठबंधन के उम्मीदवार बनाने के लिए बैठक की दौड़ चल रही है। देखना है कि एनडीए और महागठबंधन किनको प्रत्याशी बनाते हैं।मधुबनी लोक सभा क्षेत्र में पिछले 30 वर्षों से कोई भी विकास कार्य नहीं हो पाया है जबकि लोगों के एक दर्जन से अधिक मांगों को लेकर चुनावी चर्चा में की जाती रही है। मधुबनी लोकसभा क्षेत्र में बेरोजगारी, किसने की गंभीर समस्याएं, युवाओं के लिए तकनीकी शिक्षाएं की व्यवस्था नहीं है। सरकारी मेडिकल कॉलेज इंजीनियरिंग कॉलेज आईआईटी कॉलेज सेंट्रल स्कूल युवाओं के खेल के लिए इंटरनेशनल स्टेडियम की मांग होती रही है इसी तरह जयनगर बेनीपट्टी सीतामढ़ी रेलवे लाइन की मांग काफी दिनों से हो रही है। मधुबनी के महत्वपूर्ण उद्योग चीनी मिल बंद हो गई है। सरकार ने एक काम महत्वपूर्ण किया है जो मिथिला पेंटिंग के लिए सौराठ मैं महाविद्यालय की स्थापना की है जिससे मिथिला पेंटिंग का विकास हो रहा है युवाओं में मिथिला पेंटिंग सीखने के लिए युवाओं में ललक जगी है। मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में आज भी स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था परेशानी का कारण बंता रहा है। मधुबनी लोकसभा क्षेत्र उद्योग विहीन है।मधुबनी को देवनागरी भी कहा जाता है। महाभारत काल के गंधेश्वरस्थान, रामायण काल के गिरजा स्थान, उच्चैठ भगवती स्थान, महाकवि विद्यापति के जन्मस्थली, महाकवि कालिदास के ज्ञान भूमि का विकास नहीं हो सका। पर्यटन विभाग की अपेक्षा के कारण इतने महत्वपूर्ण स्थल आज भी वीरान लग रहा है। छोटे बाबा के नाम से जाने वाला कपिलेश्वर स्थान अपेक्षित है।।
1952 से 2019 तक चुने गए मधुबनी में सांसद
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1952 अनरुद्दीन सिंन्हा कांग्रेस
1957 श्यामानंद मिश्रा कांग्रेस
1962 यमुना प्रसाद मंडल कांग्रेस
1967 भोगेंद्र झा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
1971 भोगेंद्र झा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
1977 हुकुमदेव नारायण यादव जनता पार्टी
1980 सफीकुल्ला अंसारी कांग्रेस आई
1980 भोगेन्द झा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
मध्यावली चुनाव
1984 अब्दुल हन्नान अंसारी कांग्रेस पार्टी
1989 भोगेंद्र झा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
1991 भोगेंद्र झा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
1996 चतुरानंद मिश्रा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
1998 डॉक्टर शकील अहमद कांग्रेस
1999 हुकुमदेव नारायण यादव बीजेपी
2004 डॉ शकील अहमद कांग्रेस
2009 हुकुमदेव नारायण यादव बीजेपी
2014 हुकुमदेव नारायण यादव बीजेपी
2019 डॉ अशोक कुमार यादव भाजपा
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भारतीय जनता पार्टी के भावी पत्याशी
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फोटो संख्या 1 अशोक कुमार यादव वर्तमान सांसद
फोटो संख्या 2 वेंकटेश चौधरी प्रदेश कारसमिति सदस्य
फोटो संख्या 3 डॉ किरण कुमारी झा महिला मर्चा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
फोटो संख्या 4 सुमन कुमार महासेठ पूर्व एमएलसी
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राष्ट्रीय जनता दल के भावी प्रत्याशी
फोटो संख्या 5 गुलाब यादव पूर्व विधायक
फोटो संख्या 6 देवेंद्र प्रसाद यादव पूर्व केंद्रीय मंत्री
फोटो संख्या 7 असरफअली फातमी पूर्व विधायक
फोटो संख्या 8 ऋषि मिश्रा पूर्व विधायक
फोटो संख्या 9 बाढ़ प्रभावित इलाका
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मधुबनी लोकसभा क्षेत्र में जनताओ की मुख्य मांगे
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1- बाढ़ के स्थाई निदान कराया जाय,
2- सकरी लोहट चीनी मिल को चालू कराया जाय,
3- जयनगर- बेनीपट्टी – सीतामढ़ी रेल लाइनें बनाई जाए
4- मधुबनी में इंटरनेशनल स्टेडियम बनाया जाए,
5- मधुबनी में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना की जाए, 6-उच्चैठ भगवती स्थान, गिरिजास्थान, गंधेश्वर स्थान, कपिलेश्वर स्थान, कालिदास गढ़ ,विद्यापति के जन्मस्थली को विकसित विकास के साथ पर्यटक स्थल घोषित कराया जाए,
7- हरलाखी, बिस्फी, मधवापुर,जाले, कलुआही, केवटी, प्राथमिक स्वास्थ्यकेंद्र को आधुनिकतम स्वास्थ्यकेंद्र बनाया जाए।
मोहन झां मधुबनी