अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मिथिला में उत्सव का माहौल, जय श्री राम के नारों से गूंजता गांव शहर और देव मंदिर।
जानकी मंदिर जनकपुर धाम
मधुबनी
मोहन झा
अयोध्या और मिथिला का संबंध रामायण काल, महाभारत काल के प्राचीन इतिहास में खून का संबंध है । यह कहा जाए की बेटी और रोटी का गहरा संबंध है। अयोध्या में 500 वर्षों के बाद रामलला के प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा होने पर मिथिला के सभी देव मंदिरों गांव शेहरों एवं चौक चौराहों पर उत्सव का माहौल बना हुआ है। भगवा झंडा से सड़कों पर गांव में सजा हुआ है। प्रत्येक शिव मंदिर, मां दुर्गा मंदिर एवं हनुमान मंदिर के अलावे सभी देवी देवताओं के मंदिर में आकर्षक ढंग से फूलों के मालाओं एवं आधुनिक बिजली बल से सजाया गया है। दीप जलाकर उत्सव का माहौल के साथ भजन कीर्तन का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। भारत नेपाल सीमा पर मिथिला के हृदय स्थल मधुबनी जिला अवस्थित है नेपाल और मिथिला के बीच आपसी संबंध प्राचीन काल से है नेपाल के आधा भाग मिथिला कहा जाता है और भारत के भी सीमा क्षेत्र मिथिला के नाम से जाने जाते हैं। मिथिला और अयोध्या का संबंध की चर्चा करते हैं तो एक धार्मिक इतिहास की बात होती है। अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम आयोजन से मिथिला में हर घर में खुशी का माहौल बना हुआ है सभी गांव में इस बात की चर्चा है की 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम है इस कार्यक्रम को उत्सव के रूप में मनाया जाए। दूसरी ओर मधुबनी जिला प्रशासन जिला अधिकारी अरविंद कुमार वर्मा और पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार ने जिले के सभी प्रशासनिक पदाधिकारी को निर्देश देते हुए अलर्ट रहने की निर्देश दिया है किसी भी स्थल पर धार्मिक भावनाओं को किसी भी प्रकार का ठेस नहीं पहुंचे इसके लिए प्रशासन चौकस है। मिथिला के देव मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व संध्या पर लाखों की संख्या में दीप जलाकर उत्सव मनाया जा रहा है वही महिलाओं के द्वारा भक्ति गीत और राम सीता स्वयंवर से संबंधित आकर्षक गीतों का गायन करने से क्षेत्र में धार्मिक माहौल बन गया है। मिथिला प्रमुख देव मंदिरों में भजन कीर्तन का विशेष आयोजन किया जा रहा है। जो आकर्षण और मनमोहक बना हुआ है।