47 बाल श्रमिकों को विभिन्न प्रखंडों के अलग अलग प्रतिष्ठानों से विमुक्त कराया गया:-डीएम
बैठक करते डीएम
मधुबनी
जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में बाल श्रम से संबंधित जिला टास्क फोर्स की बैठक मंगलवार को आयोजित की गई । अपने संबोधन में जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक समाज का यह सामूहिक दायित्व है कि बच्चों को उनके सभी नैसर्गिक एवं कानूनी अधिकार प्राप्त हो । 14 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों को अनिवार्य शिक्षा का अधिकार मिले । उन्होंने कहा कि कम उम्र में बच्चों पर काम का बोझ डालने से बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास नहीं हो पता है। बच्चों का स्थान विद्यालय में है , खेलकूद के मैदान में है ना कि किसी होटल, ढाबा गैराज, फैक्ट्री आदि में । धावा दल के कार्यों को समीक्षा के क्रम में श्रम अधीक्षक राकेश रंजन के द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में धावा दल के द्वारा बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु किए गए कार्यों एवं पुनर्वास से संबंधित किए गए अन्य कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई तथा बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 एवं राज्य कार्य योजना 2017 के विषय में जिला टास्क फोर्स के सभी सदस्यों को विस्तार से जानकारी दी गई । श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक 47 बाल श्रमिकों को विभिन्न प्रखंडों के अलग अलग प्रतिष्ठानों से विमुक्त कराया गया है जिसमे 38 बाल श्रमिक मधुबनी जिले के हैं जबकि 9 बाल श्रमिक अन्य जिलों के हैं । श्रम अधीक्षक ने बताया कि सप्ताह में सामान्यतः दो दिन धावा दल के द्वारा अलग अलग प्रखंडों में बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु संयुक्त निरीक्षण किया जाता है तथा बाल श्रमिकों के नियोजित पाए जाने पर उन्हें नियमानुसार विमुक्त कराकर सभी विमुक्त बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति मधुबनी के समक्ष उपस्थापित किया जाता है ।जिलाधिकारी के द्वारा विमुक्त बाल श्रमिकों के शैक्षणिक पुनर्वास के संबंधित अधूरा प्रतिवेदन और जिला शिक्षा पदाधिकारी के उपस्थित प्रतिनिधि को शैक्षणिक पुनर्वास से सबंधित कोई जानकारी नहीं रहने के लिए श्रम अधीक्षक को जिला शिक्षा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया।