उच्चैठ में करोड़ों पार्थिव शिवलिंग पूजा का रचा गया नया इतिहास
शिव पूजा करते पंडित
मधुबनी
मोहन झा
जिले के बेनीपट्टी के पवित्र ऐतिहासिक स्थल सिद्धपीठ उच्चैठ माँ भगवती स्थान निकट कालिदास विद्यापति विज्ञान महाविद्यालय परिसर में शनिवार को आयोजित करोड़ों श्री श्री 1008 कोटि पार्थिव शिवलिंग पूजा देर रात तक भक्ति माहौल में होता रहा। देव मंत्रों के गंज से मिथिला के सैकड़ो गांव में ध्वनि माध्यम से भक्ति में माहौल बना रहा। देर रात से ही शिव भक्तों की भीड़ पूजा पंडाल की ओर बढ़ती गई सुबह सूरज जैसे ही अपना प्रकाश फैलाया तो लाखों शिव भक्तों की महिला पुरुष बच्चे और युवा युक्तियों की जमाई भक्ति में माहौल में एक दूसरे से मिलते रहे।विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ उच्चैठ स्थित कालिदास विद्यापति साइंस कॉलेज परिसर में 2 दिसंबर 23 को पहली बार एक दिन में पवित्र मिट्टी से बने करोड़ से अधिक पार्थिव शिवलिंग (महादेव) की ऐतिहासिक महापूजा का आयोजन कर इतिहास रचा गया है ।
सिद्धपीठ उच्चैठ में लगभग 5 लाख से अधिक मैथिल शिवभक्त व श्रद्धालु आये थे । जिसमें पुरूषों से अधिक की संख्या मिथिलानी महिलाएं पहुँची । मिथिला क्षेत्र के शिवभक्तों के द्वारा आयोजित एक दिवसीय शिवपूजन कार्यक्रम में पहुँचे शिव भक्तों ने कहा कि आज इस ऐतिहासिक भूमि पर सवा करोड़ से अधिक शिवलिंग के विराट दर्शन का सौभाग्य मिथिला के 121 गांव के लोगों को प्राप्त हुआ वही पड़ोसी देश नेपाल के दर्जनों गांव के लोग इस कार्यक्रम में अपनी सहभागिता प्रस्तुत की जो भारत नेपाल के बीच बेटी रोटी का संबंध स्पष्ट देखने को मिला। पूजा परिसर में बने मंडप , महामृत्युंजय मंत्र का जाप, रुद्राभिषेक व वैदिक हवन कुंडों आदि के दर्शन भी हुए । इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के आयोजक और समस्त श्रद्धालुओं को आज का दिन अपने जीवन के इतिहास में लिखना ही होगा।माँ जानकी और बेनीपट्टी के उच्चैठ भगवती की यह पावन मिथिला की धरती विद्वता के लिए प्रसिद्ध है यहाँ शुरू से ही बेनीपट्टी उच्चैठ के महाकवि कालिदास, विस्फी के कविकोकिल (महाकवि) विद्यापति , मंडन मिश्र व भारती एवं आयाची सहित कई विभूतियों ने इस धरती का मान सम्मान और कीर्ति बढ़ा चुके हैं।