मिथिला की पहचान जनक, माता जानकी और महाकवि विद्यापति से है:-शिक्षाविद डॉ संत कुमार चौधरी
,,कवियों के काब्य से श्रोता की रुकते नहीं रुकी खुशी के ठहाके,,
बेनीपट्टी
शहर के इंदिरा चौक के समीप शनिवार की रात मिथिलांचल सर्वांगीण विकास संस्थान के तत्वावधान में ‘मिथिला विभूति स्मृति पर्व समारोह’ के दूसरे दिन का कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसका उद्घाटन प्रसिद्ध शिक्षाविद डॉ. संत कुमार चौधरी के द्वारा किया गया। म्यूजिक लाइव शो के साथ कार्यक्रम की शुरुआत नीतेंद्र झा नीति, सविता झा व नेहा झा ने संयुक्त रूप से गोसाउनिक व स्वागत गीत गाकर कार्यक्रम में अपने चमकदार किरदार की रोशनी चारों ओर बिखेर दिया। जिसके नजारे से नाजरीन काफी खुश दिखे। समारोह की अध्यक्षता प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. अमरनाथ झा ने की और संचालन शिक्षक नेता अखिलेश झा ने किया। वहीं संस्थान के अध्यक्ष अमरनाथ झा भोलन ने सभी आगत अतिथियों को मिथिला की परंपरा के अनुसार पाग व दोपट्टा से सम्मानित किया। इस दौरान शिक्षाविद डॉ0 संत कुमार चौधरी ने कहा कि मिथिला की पहचान जनक, माता जानकी और महाकवि विद्यापति से है। मिथिला के प्रत्येक घर में किसी भी शुभ अवसर पड़ विद्यापति की गीत गाई व बजाई जाती है। 12 साल तक देवाधिदेव बाबा महादेव ने बाबा विद्यापति की चाकरी की थी। उन्होंने संस्कृत और मैथिली में अनेकों काव्य को लिखने का काम किया।मिथिला कमजोर नहीं हो इसके लिए हमें मैथिली भाषा की समृद्धि के दिशा में काम करने की आवश्यकता है। उद्घाटन सत्र को शिक्षक नेता महादेव मिश्र, अमरेश मिश्र, अखिल कुमार झा, महादलित वार्ड पार्षद संघ के अध्यक्ष रामवरण राम, प्रखंड कांग्रेस अध्यक्ष कौशल किशोर झा, डॉ. प्रभात कुमार सिंह व विष्णुकांत मिश्र समेत अन्य ने भी संबोधित किया। समारोह में संस्थान के सदस्य डॉ. नवीन झा, शत्रुधन झा, ललित झा, भाग्यनारायण मिश्र, कमलकांत ठाकुर, कमल कुमार झा आदि ने भाग लिया. उद्घाटन सत्र के बाद मिथिला के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े कुल 15 विभूतियों को विभिन्न सम्मानों से सम्मानित किया गया। सम्मानित होनेवालों में शामिल मैथिली पुत्र स्व. प्रदीप के पुत्र रामकुमार मिथिला अमृत महारत्न सम्मान, प्रेमलता झा, शांति देवी, लक्ष्मण झा सागर व सुरेश पंकज मिथिला शिखर सम्मान एवं डॉ. सविता झा सोनी, प्रीतम निषाद, अशोक मेहता, डॉ. पीके सिंह, अनिल झा, डॉ. बी झा मृणाल, ललित ठाकुर, माधव राय, सोनी चौधरी व विष्णुकांत मिश्र मिथिला गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का तीसरे सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें प्रसिद्ध कवि डॉ. जयनारायण गिरी इंदु, दीप नारायण विद्यार्थी, डॉ. प्रतिभा स्मृति, सोनी चौधरी, स्वर्णिम किरण, डॉ. रानी झा, रामकुमार झा, मनोज कामत, प्रेम कुमार पुष्कर, प्रीतम निषाद, विभा कुमारी, सविता झा सोनी, ललित ठाकुर समेत अन्य ने अपनी सुमधुर काव्य वाचन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. देर रात तक श्रोता ठहाके लगाते रहे. जबकि कार्यक्रम के चौथे व अंतिम सत्र में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान सविता झा, नेहा झा, समीर प्रिया, प्रिशा झा, प्रसिद्ध मैथिली गायक सुरेश पंकज, मां सरस्वती संगीत अकादमी के संचालक भगवानजी झा, सुभद्रा झा, अनन्या, स्वाति, मानसी, काजल, कंचन, भव्या आदि ने एक से बढ़कर एक मैथिली, सांस्कृतिक व पारंपरिक गीत, संगीत, नृत्य, भाव नृत्य, जट-जटिन, झिझिया आदि प्रस्तुत कर श्रोताओं को झुमने पर विवश करते रहे।