फसल अवशेषों को खेतो में जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति तथा मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है:-जिलाधिकारी
बैठक करते डीएम
मधुबनी
जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा की अध्यक्षता में शुक्रवार को फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में अंतर विभागीय कार्य समूह की बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने फसलों के अवशेष को खेतों में जलाने से होने वाले नुकसान को लेकर उपस्थित सभी विभागों के अधिकारियों को पूरी गंभीरता से कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इसका व्यापक प्रचार प्रसार करवाये । उन्होंने किसान चौपालों में कृषि वैज्ञानिकों की उपस्थिति में किसानों को फसल जलाने से होने वाले नुकसान एवं पराली प्रबंधन की जानकारी देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि विद्यालयो में बच्चों को फसल अवशेष प्रबंधन की जानकारी दे। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष को जलाने से खेतो की उर्वरा शक्ति को काफी नुकसान पहुंचती है एवं प्रकृति तथा मानव स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग की ओर से कई कृषि यंत्र किसानों को अनुदान पर उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि किसान खेतों में फसल अवशेष को ना जला कर उसे यंत्र द्वारा खाद के रूप में उपयोग कर सकें । उन्होंने कहा की फसल अवशेष को खेतों में जलाने से सांस लेने में तकलीफ आंखों में जलन नाक एवं गले की समस्या बढ़ती है। । उक्त बैठक में अपर समाहर्ता नरेश झा,डीपीआरओ परिमल कुमार,जिला कृषि पदाधिकारी ललन कुमार चौधरी, जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ0 राजेश कुमार,सहायक निदेशक प्रक्षेत्र राकेश कुमार,उप परियोजना निर्देशक राकेश कुमार राहुल, राहुल,जिला सहकारिता पदाधिकारी अजय कुमार भारती ,कृषि विज्ञान केंद्र सुखेत के प्रतिनिधि गौतम कुमार,सहित अन्तर्विभागीय कार्य समूह के सभी सदस्य उपस्थित* थे।