December 23, 2024

मां दुर्गा गज बाहन से सवार होकर पृथ्वी लोक मे आ रही है, जबकी गमन चरणायुध से कर रही है:- पंडित पंकज शास्त्री

0
मधुबनी
नवरात्र मे भगवती दुर्गा के नौ स्वरूप,दश महाविद्या और चौसठ योगिनी की पूजा होती है। प्रकृति की कारणस्वरूपा त्रयात्मक शक्ति और फिर उसके त्रिगुणात्मक प्रभाव से उत्पन्न प्राकृतिक शक्ति के नौ स्वरूपों को जगज्जननी के श्रद्धात्मक भावों में ही अंगीकार किया। फिर दुर्गा के नौ स्वरूपों में प्रकृति के त्रिगुणात्मक शक्ति को देखा। वे हैं – शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री। ये नौ दुर्गाएं काल और समय के आयाम में नहीं हैं, उससे परे हैं। ये दिव्य शक्तियां हैं, काल और समय के परे हैं। इनका जो विकार निकलता है, वही काल और समय के आयाम में प्रवेश करता है और ऊर्जा का रूप ले लेता है। नवरात्र के नौ दिनों में देवी के अलग अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिसे नवदुर्गा का स्वरूप कहा जाता है। हर स्वरूप से विशेष तरह का आशीर्वाद और वरदान प्राप्त होता है,साथ ही साथ आपके ग्रहों की दिक्कतों का समापन भी होता है। स्टेशन चौक स्थित हनुमान प्रेम मंदिर के पुजारी पंकज झा शास्त्री का कहना है, इस बार शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर रविवार से आरंभ होने जा रही है और समापन 24 अक्टूबर,मंगलवार को होगा।  पंकज झा शास्त्री ने कहा कि शास्त्रों मे दिन के अनुसार माता का आगमन और प्रस्थान बाहन निर्धारित होता है ।इस बार मां दुर्गा रविवार को गज बाहन से सवार होकर पृथ्वी लोक मे आ रही है। जबकी गमन मंगलवार को चरणायुध से कर रही है। ज्योतिषीय  दृष्टि से देखे तो माता का आगमन सुख,समृद्धि,सौभाग्यता,जलाधिकयता का संकेत है जबकि गमन बाहन संप्रदाईक दंगा,उग्र आंदोलन,युद्ध जैसे हालात और रक्तपात का संकेत दे रहा है। ऐसे मे हम सभी को निष्ठा पूर्वक माता को शांति बनाये रखने हेतु प्रार्थना करना चाहिए।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!