मिथिला में श्रीकृष्णजन्माष्टमी धूम धाम से मनाया
गायकीपुजा करते पुजारी
मधुबनी
भारतीय सनातन धर्म परम्परा में अनेकानेक पवित्र पर्व त्योहार का विशेष महत्व हैं। इनमें भी श्रीकृष्णजन्माष्टमी का महत्व सर्वविदित है। सम्पूर्ण मिथिला में श्रीकृष्णजन्माष्टमी धूम धाम से मनाया जारहा है। उसमे भी जिले के दीप गाँव के पुरवारी टोल में प्राचीनकाल से अवस्थित श्रीराधाकृष्ण मन्दिर में परम्परागत पूजन किया गया। यहाँ कृष्णअष्टमी के रात्रि वेला में जयन्ती पूजन व प्रातः षोडशोपचार विधि से श्रीराधाकृष्ण वालकृष्ण के पूजन के साथ 11 विद्वान ब्राम्हणों द्वारा गाय दूध से भगवान का अभिषेक के गाय की पूजन विधान दर्शनीय व प्राथनीय होती है। भगवतगीता के साथ श्रीमद्भागवत के अंश पाठ , श्री गोपाल सहस्रनाम पाठ व अष्टयाम किया गया ।
डॉ द्वरिकानाथ झा के नेतृत्व में कौलिक पद्धति से पूजन कार्य संपदित किया गया ज्योतिषाचार्य डॉ राज नाथ झा ने कहा ये सनातन काल से हमारी कौलिक परम्परा रही है इसी विधान से हमलोगों पूरे परिवार सम्लित होकर हर वर्ष पूजन करते है चूंकि यहाँ कौलिक पद्धति का अनुपाल प्रचीन काल से ही होता आ रहा है। शयम श्यामा यहाँ हर मनोकामना भक्तो का पूर्ण करते है इनकी महिमा अपरम्पार है। पण्डित बद्री नाथ झा , शम्भू नात झा , पण्डित गोविंद नाथ झा शक्ति नाथ झा , डॉ राघव नाथ झा , डॉ ललन शंकर झा अभिनव मिश्र शशि कान्त चौधरी तृप्ति चौधरी जुड़ी कामत रामशीष चौधरी ओंकार कामत गिरीश झा आदि उपस्थित थे।