स्वास्थ्य और कल्याण के लिए बच्चों को परितंत्र को समझना जरूरी;- क्षी झा
विज्ञान शिक्षकों का जिलास्तरीय कार्यशाला आयोजित
कार्यक्रम में उपस्थित अतिथि गण
जिलास्तरीय कार्यशाला में भाग लेते शिक्षक व शिक्षिका
मधुबनी
बच्चों में वैज्ञानिक चेतना को जागृत करना सभी शिक्षकों का दायित्व है। कार्यशाला के माध्यम से इसे और बेहतर किया जा सकता है। ये बातें शनिवार को रीजनल सेकेन्ड्ररि स्कूल सप्ता में प्रोफेसर मिथिलेश कुमार झा ने कही। वे 31 वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस 2023 के तहत स्रोत व्यक्ति सह परामर्शी के लिए साइंस फॉर सोसायटी बिहार के मधुबनी जिला इकाई द्वारा आयोजित शिक्षकों के जिलास्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने खराब मौसम के बावजूद जिले के विभिन्न विद्यालयों से बड़ी संख्या में पहुंचे शिक्षकों की संख्या पर कहा की जिले के शिक्षकों में विज्ञान के प्रति ललक है। इसे हमें बच्चों तक पहुंचाना है। बाल विज्ञान कांग्रेस के राज्य संरक्षक व रीजनल सेकेन्ड्ररि स्कूल के निदेशक डा. आर एस पांडेय ने कहा कि इस बार का विषय स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए परितंत्र को समझना है। इसपर हमसबों को अपने बच्चों का मार्गदर्शन करना है। उन्होंने शिक्षकों से बच्चों को परियोजना रिपोर्ट बनवाने में मदद करने का अग्रह किया।
कहा कि बच्चे हमारे यहां प्रतिभा सम्पन्न हैं। जरूरत है उसकी प्रतिभा को निखारने की। ताकि समसामयिक चुनौतियों का सामना कर सके। विज्ञान शिक्षक सीताराम यादव ने कहा कि विज्ञान की चेतना बच्चों में जागृत करना हमसबों का दायित्व है। ये काम शिक्षकों से अच्छा कोई नहीं कर सकता। आज स्वास्थ्य के प्रति सभी लोग जागरूक है।राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षक प्रेम नाथ गोसाई ने कहा कि बाल विज्ञान कांग्रेस का उद्देश्य प्रतिभाओं की खोज करना व बच्चों में वैज्ञानिक चेतना का अंकुरण कर उन्हें स्थानीय परिवेश में तार्किक वैज्ञानिक खोज की दिशा में आगे बढ़ाना है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए शैक्षणिक समन्वयक सह विद्यालय के प्राचार्य डा. मनोज कुमार झा ने कहा कि बच्चों को शिक्षक विज्ञान के प्रति जागरूक कर सकते हैं। शिक्षकों की संख्या से लगता है कि जिले के सभी विद्यालय बाल विज्ञान के क्षेत्र में बेहतर काम करेंगे। और जिले का नाम राज्य व देश में रौशन करेंगे। रवींद्र झा ने कहा की बच्चों को अपने प्रोजेक्ट में कोई समस्या आने पर शिक्षक से मागदर्शन लेना चाहिए। मौके पर ई. प्रत्युष परिमल , पवन तिवारी, डा. एस एन ठाकुर, राजीव कुमार , राधा मोहन झा , छोटू कुमार , दीपक कुमार सहित सैकड़ों शिक्षक व शिक्षिका थी। कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, भारत सरकार की उत्तप्रेरणा तथा राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद, बिहार व बिहार काउंसिल आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, पटना की सहभागिता से किया गया।