जल जीवन हरियाली के बिना जीवन में खुशहाली की कल्पना नहीं की जा सकती:— प्रभारी मंत्री
बैठक करते प्रभारी मंत्री लेसी सिंह
मधुबनी
मोहन झा
मंत्री खाध एवम उपभोक्ता संरक्षण विभाग सह प्रभारी मंत्री मधुबनी श्रीमती लेशी सिंह ने सोमवार बार को डीआरडीए सभागार में बैठक कर संभावित बाढ़,सुखाड़ की पूर्व तैयारियों ,जल-जीवन-हरियाली अभियान एवं जिला कार्यान्वयन समिति की बैठक कर विस्तृत समीक्षा किया। उन्होंने कहा कि संभावित बाढ़,सुखाड़ के प्रभाव को कम से कम करने को लेकर सरकार दृढ संकल्पित है,एवं पूरी गंभीरता के साथ प्रयासरत है।उन्होंने कहा कि बाढ़,सुखाड़ जैसी आपदा की स्थिति उत्पन्न होने पर पूरी सहजता के साथ ससमय पीड़ितों को राहत उपलब्ध इसको लेकर पूरी गंभीरता के साथ लगातार प्रयास किये जा रहे है।
उन्होंने कहा की पूरी सहजता एवं तेजी के साथ सभी पात्र किसानों के खाते में डीजल अनुदान की राशि उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि बाढ़,सुखाड़ दोनों ही स्थितियो के आलोक में वैकल्पिक फसल योजना के लिए पूरी तयारीबकर ले ।इसके पूर्व जिलाधिकारी, अरविन्द कुमार वर्मा ने पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से जिले में अबतक की गई संभावित बाढ़ ,सुखाड़ की पूर्व तैयारियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मधुबनी जिला पारंपरिक रूप से आपदा के प्रति संवेदनशील जिला रहा है लगभग 18 नदियों और उसकी सहायक नदियां जिले से गुजरती हैं। उन्होंने बताया कि जिले की महत्वपूर्ण नदियों के जलस्तर प्रतिदिन प्रति तीन घण्टे पर ली जा रही है।
जिलाधिकारी ने बाढ़ पूर्व तैयारियों के आलोक में बताया कि सभी 43 सलुइस गेट की जाँच कर ली गई है,जो सभी कार्यशील हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण से संबंधित कुल 10 योजनाओं में से 9 योजनाएं पूर्ण कर ली गई हैं शेष के 1 का कार्य अंतिम चरण में हैं। प्रभारी मंत्री ने निर्देश दिया कि अपूर्ण योजनाओं को बाढ़ से पूर्व हर हाल में पूर्ण करवा ले। जिलाधिकारी ने बताया कि अब तक कुल 8930 पुल-पुलियो के भेंट की सफाई कर ली गई है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों भारी वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त कुल 28 सड़को में 25 की मरम्मत करवा ली गई है,शेष तीन में जलजमाव हटते ही मरम्मति करवा ली जाएगी। प्रभारी मंत्री ने संबधित अभियंता को निर्देश दिया कि आज ही बैठक के बाद स्वयं क्षतिग्रस्त सड़को का स्थल जाँच कर तुरंत मरम्मति की करवाई सुनिश्चित करे। जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में संभावित बाढ़ के दृष्टिकोण से सरकारी नावों की मरम्मत कर ली गई है।
मेगा बाढ़ राहत केंद्र के रूप में कुल 24 स्थानों की पहचान हुई है, जिसमें 28252 लोगों के ठहरने की व्यवस्था की जा सकती है। साधारण बाढ़ राहत केंद्र के तहत कुल 227 शिविरों की पहचान हैं, जिसमे 124705 लोगो की ठहरने की व्यवस्था है। इन सब के लिए सामुदायिक रसोई के लिए 218 स्थानों को भी चिन्हित किया गया है। जिसमें रोजाना कुल 77190 लोग भोजन प्राप्त कर सकते हैं। प्रभारी मंत्री ने भवन विभाग के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया कि दो माह के अंदर शेष का निर्माण पूर्ण करें।अत्याधिक बाढ़ प्रभावित वाले प्रखंडों यथा मधेपुर फुलपरास घोघरडीहा ,बिस्पि, मधवापुर, बेनीपट्टी एवं लौकीही में वोट एम्बुलेंस के लिए मेडिकल टीम का गठन कर लिया गया है।उक्त बैठक में सदस्य, बिहार विधान परिषद, घनश्याम ठाकुर, सदस्य, बिहार विधान परिषद, अंबिका गुलाब यादव, सदस्य, बिहार विधान सभा, सुधांशु शेखर, सदस्य, बिहार विधान सभा, अरुण शंकर प्रसाद,जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा, मुख्य पार्षद, नगर निगम, मधुबनी, अरुण राय, मुख्य पार्षद, नगर परिषद, झंझारपुर, बबिता शर्मा, मुख्य पार्षद, नगर पंचायत, घोघरडीहा, अनिल कुमार मंडल, मुख्य पार्षद, नगर पंचायत, जयनगर, कैलाश पासवान, मुख्य पार्षद, नगर पंचायत, बेनीपट्टी, मंजू देवी, मुख्य पार्षद, नगर पंचायत, फुलपरास, धर्मेंद्र कुमार साह उप विकास आयुक्त विशाल राज, सहायक समाहर्ता पार्थ बगुप्ता,डीपीआरओ सह आपदा प्रभारी,परिमल कुमार,विशेष कार्य पदाधिकारी जिला गोपनीय शाखा, अमेत विक्रम बैनामी, नगर आयुक्त अनिल कुमार, निदेशक डीआरडीए, किशोर कुमार,पंचायत राज पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार, प्रभारी पदाधिकारी जिला विकास शाखा, निधि राज, सिविल सर्जन, डॉ नरेश कुमार भीमसरिया, एडीएसएस, आशीष प्रकाश अमन, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मुख्यालय प्रभाकर तिवारी, कार्यपालक अभियंता विद्युत मो अरमान सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।