लंबित डीसी बील का अविलम्ब निष्पादन करे अन्यथा करवाई के लिए रहे तैयार:-डीएम
बैठक करते डीएम
मधुबनी
जिलाधिकारी, अरविन्द कुमार वर्मा की अध्यक्षता में जिले में बाढ़ पूर्व तैयारियो को लेकर जिले के सभी अनुमंडल पदाधिकारियों, अंचल अधिकारियों एवम जिला स्तरीय सभी अधिकारियों के साथ वर्चुअल माध्यम से बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ पूर्व तैयारियो को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखे, साथ ही वर्षा के पूर्वानुमान को देखते हुए पूरी तरह से अलर्ट मोड़ में रहे। उन्होंने कहा कि जुलाई के महीना बाढ़ की दृष्टिकोण से संवेदनशील महीना होता है। उन्होंने निर्देश दिया कि नदियों के जलस्तर एवं तटबंधों की निगरानी नियमित रूप से करे। उन्होंने यह कि प्रतिनियुक्ति कर्मियों से तटबंधों निगरानी कार्य का प्रतिदिन रिपोर्ट ले। उन्होंने सभी एसडीओ एवं सीओ को निर्देश दिया कि नियमित रूप से तटबंधों का निरीक्षण करते रहे। उन्होंने कहा कि वर्षापात की संभावनाओं को देखते हुए सभी अधिकारी अलर्ट मोड में रहे । पॉलीथिन सीट की उपलब्धता की समीक्षा के क्रम में जिला आपदा प्रभारी पदाधिकारी परिमल कुमार ने बताया कि वर्तमान में जिले में 47000 पॉलीथिन सीट उपलब्ध है ।वर्तमान में जिले में कुल 163 परिचालन योग्य सरकारी नाम है । 19 निजी नाव के साथ एकरारनामा कर लिया गया है।जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि और अधिक निजी नावों के मालिकों के साथ एकरारनामा कर ले,साथ ही सभी अंचल अधिकारी ये सुनिश्चित करें कि निजी नाव चालकों को विगत वर्षों की बकाया राशि का भुगतान लंबित नही रहे। ।। समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि जिले में वर्तमान में 12 मोटरवोट उपलब्ध हैं जिसकी एसडीआरएफ की टीम के द्वारा जांच कर ली गई है। उन्होंने स्थाई बाढ़ आश्रय स्थल के साथ साथ अस्थाई बाढ़ आश्रय स्थल के समीक्षा के क्रम में कहा कि बाढ़ आश्रय स्थल में पेय जल ,शौचालय आदि मूलभूत व्यवस्थाएं का भौतिक सत्यापन कर ले, साथ ही भौतिक सत्यापन करते हुए फोटो भी ग्रुप में डाले।गौरतलब हो की जिले में साधरण बाढ़ राहत केंद्र की संख्या 228 है वही 199 सामुदायिक रसोई चिन्हित है,इसके अतिरिक्त 27 मेगा बाढ़ राहत केंद्र भी चिन्हित है। समीक्षा के क्रम में आपदा प्रभारी ने बताया कि बाढ़ राहत केंद्रों एवं सामुदायिक रसोई की अधतन सूची अक्षांश एवं देशांतर के साथ सभी अंचलों से प्राप्त कर उसकी रिपोर्ट विभाग को भेज दी गई है। उन्होंने सभी अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ के क्रम में अनुग्रह अनुदान भुगतान हेतु परिवारों की सूची का आपदा सम्पूर्ति पोर्टल पर दो दिनों के अंदर शत-प्रतिशत अपडेट कर ले ताकि आपदा की स्थिति में लाभुकों को पूरी सहजता के साथ उनके खाते में ससमय राहत राशि भेजी जा सके। जिलाधिकारी ने बंद पड़े नलकुपो की मररमती में देर को लेकर गहरी नाराजगी भी प्रकट किया। उन्होंने सभी एसडीओ को निर्देश दिया कि स्वयं इस सबंध में सभी मुखिया एवं सबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करे।उन्होंने सिविल सर्जन, मधुबनी को निर्देश दिया कि बाढ़ राहत कार्य से जुड़ी आवश्यक दवाइयों का समय से स्टॉक कर लिया जाए। इनमे सभी जीवन रक्षक दवा,हेलोजन की गोलियां , ब्लीचिंग पाउडर आदि भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हों,वही जिला पशुपालन पदाधिकारी को भी पशुओं की सभी आवश्यक दवा की उपलब्धता कर लेने का निर्देश दिया।जिलाधिकारी ने कहा कि नौका एंबुलेंस की आवश्यकता होगी। अतः नौका एंबुलेंस की समुचित व्यवस्था की जाए। इतना ही नहीं, लाइफ सेविंग जैकेट भी पर्याप्त संख्या में उपलब्ध होने चाहिए।उन्होंने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण प्रमंडल, मधुबनी के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया कि विभाग द्वारा नए चापाकाल लगाए जाने की जितनी संख्या निर्धारित की गई है, उनमें बाढ़ संभावित क्षेत्रों को जल आपूर्ति के मद्देनजर प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने इस संबंध में सभी अनुमंडल पदाधिकारी यों को इसकी सतत मॉनिटरिंग करने का भी निर्देश दिया।उन्होंने जिले के सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सभी अपने क्षेत्राधीन बांधो का का निरीक्षण एक बार पुनः कर लें। यदि किसी स्थान पर उन्हें बांध की वर्तमान संरचना में कोई त्रुटि दिखाई दे तो अविलंब संबधित अभियंता से समन्वय कर उसका त्वरित समाधान कर ले। लंबित डीसी बील की समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने कहा कि सभी संबधित बीडीओ एवम सीओ अविलम्ब इसका निष्पादन करे अन्यथा करवाई के लिए तैयार रहे। उक्त बैठक में अपर समाहर्ता नरेश झा, जिला आपदा प्रबंधन शाखा सह जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, परिमल कुमार, सहित अन्य वरीय अभियंता व पदाधिकारी आदि उपस्थित थे,वही सभी एसडीओ, सीओ आदि वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे।