शिक्षक द्वारा रचित मैथिली कविता संग्रह “हिलकोर” का लोकार्पण
एसडीएम स्वागत करते शिक्षक को
बेनीपट्टी
प्रखंड कार्यालय बेनीपट्टी स्थित टीपीसी मेघदूतम सभागार में ललित कुमार शिक्षक द्वारा रचित मैथिली कविता संग्रह “हिलकोर” का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने ललित कुमार की जीवनी एवं उनकी साहित्यिक यात्रा तथा उनके द्वारा रचित मैथिली कविता संग्रह हिलकोर पर अपने अपने विचार प्रकट किए। बेनीपट्टी विधानसभा के पूर्व विधायक रामाशीष यादव ने अपने संबोधन में कहा कि ललित जी मृदुभाषी और मिलनसार स्वभाव के व्यक्ति के साथ-साथ साहित्यिक प्रतिभा के भी धनी हैं, इसका प्रमाण उनके द्वारा रचित कविताओं से स्पष्ट प्रतिबिंबित होता है। उन्होंने कहा कि इनके कविता में मानवीय संवेदना की एक झलक मिलती है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अनुमंडल पदाधिकारी बेनीपट्टी मनीषा ने कहा कि मुझे बेहद खुशी हो रही है कि मुझे मिथिला के इस विद्वान की धरती पर सेवा करने का अवसर मिला है, साथ-साथ ललित कुमार जैसे परिपक्व और बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति आज मेरे कार्यालय में प्रतिनियुक्त हैं। उन्होंने बताया कि किसी भी क्षेत्र के विकास में वहां की भाषा और लिपि का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है, यहां के लोगों की यह सक्रियता और साहित्य के प्रति लगाव ही है जो मैथिली को बोली से भाषा तक पहुंचाया। प्रखंड विकास पदाधिकारी बेनीपट्टी डॉ रवि रंजन ने अपने संबोधन में कहा कि ललित कुमार जी प्रशासनिक पदाधिकारी और कर्मियों के अत्यंत प्रिय हैं तथा उनकी कार्यशैली, उनकी साहित्यिक समझ आज उनके पुस्तक में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। उन्होंने लोकार्पित कविता संग्रह के कविताओं के विषय में कहा कि इनकी कविताओं से दृष्टिगोचर है कि उन्होंने सामाजिक मूल्यों, नारी शक्ति, प्रकृति और मिथिला मैथिली के प्रति अपनी रचनाओं को केंद्रित किया है,जो आज के समय में कहीं न कहीं विलुप्त होता जा रहा है। कार्यक्रम का संचालन कर रहे साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार दीप नारायण विद्यार्थी के द्वारा अपने संबोधन में ललित कुमार के जीवन परिचय एवं साहित्यिक यात्रा का जिक्र करते हुए बताया कि इनका जन्म मधुबनी जिला के बासोपट्टी प्रखंड अंतर्गत कोरियापट्टी बेलोना गांव में हुआ था
इनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में तथा उच्च शिक्षा पटना में हुआ था। बाल्यकाल मे माता का साया सर से उठने के बाद उनका लालन-पालन पिता चाचा चाची, दादा दादी एवं अवर माता की देखरेख में हुआ, हिंदी विषय से स्नातकोत्तर है तथा मैथिली और मिथिलाक्षर के प्रति इनका प्रेम सर्वविदित है। इन्होंने कवीश्वर चंदा झा रचित मिथिला भाषा रामायण तथा श्रीमद्भागवत गीता का मिथिलाक्षर में लिप्यन्तरण कर एक कीर्तिमान स्थापित किया है। इनके इन कीर्तियों के लिए अटल- मालवीय सम्मान, जागृति सम्मान, विद्यापति सम्मान सहित कई सम्मानों से अलंकृत किया जा चुका है। ये वर्तमान में हरलाखी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय कन्या जिरौल में सरकारी शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। इनकी धर्मपत्नी आशा कुमारी भी सरकारी शिक्षिका है। इनकी दो पुत्री और एक पुत्र हैं। इस अवसर पर सम्बोधन मे ललित कुमार के द्वारा उपस्थित अतिथियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उनके प्रति आभार प्रकट किया गया। इनके अतिरिक्त बेनीपट्टी नगर पंचायत बेनीपट्टी के मुख्य पार्षद प्रतिनिधि रूपन साह, बचनू मंडल, रंधीर झा, भाग्य नारायण, पवन भारती, विजय यादव, मुकुल झा एवं ललित जी के पिता जी राजेन्द्र ठाकुय के द्वारा भी हिलकोर के प्रति विचार प्रकट किया गया। इससे पूर्व आगत अतिथियों ,पत्रकार मदन कुमार झा,अमोद झा आदि को मिथिला परंपरानुसार पाग और दोपटा से सम्मानित किया गया।कार्यक्रम के दूसरे सत्र में वरिष्ठ कवि सतीश साजन के अध्यक्षता मे कवि गोष्ठी का भी आयोजन किया गया, जिसमें कमलेश प्रेमेंद्र के हास्य और दीप नारायण विद्यार्थी के जल संकट पर पठित कविताओं को लोगों ने खूब सराहना की । ललित कुमार के द्वारा लोकार्पित पुस्तक से पिता, मां और हिलकोर कविता का वाचन किया गया जिसे उपस्थित लोगों ने भूरी भूरी प्रशंसा की। इनके अतिरिक्त, मैथिल प्रशान्त, रमेश शर्मा ,रोहित यादव ,अनूप रंजन तथा अध्यक्ष सतीश साजन के द्वारा कविता पाठ किया गया। धन्यवाद ज्ञापन ललित कुमार जी के मित्र जगदीप झा के द्वारा किया गया।