18 वीं वाहिनी एस एस बी ने ” हर आंगन योग” कार्यक्रम के तहत 9वें अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस पर किया योगाभ्यास
कार्यक्रम आयोजित
मधुबनी
जिले के भारत -नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात 18 वीं वाहिनी एस एस बी मुख्यालय राजनगर के कमांडेन्ट दामोदर प्रसाद मीना के नेतृत्व में 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राजनगर स्थित ऐतिहासिक काली माता मंदिर परिसर में योग प्रशिक्षण शिविर का प्रारंभ किया गया है। यह कार्यक्रम इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाईजेशन एवं आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वधान में चलाया जा रहा है। कार्यक्रम कि अध्यक्षता करते हुए 18 वीं वाहिनी एस एस बी मुख्यालय राजनगर के कमांडेन्ट दामोदर प्रसाद मीना ने समस्त 18 वीं वाहिनी एस एस बी कर्मियों को 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई दी। साथ ही उन्होंने योग शिविर आयोजित करने हेतु 18 वीं वाहिनी एस एस बी मुख्यालय राजनगर परिवार की तरफ से आभार प्रकट किया एवं अभिनंदन किया। योग की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए 18 वीं वाहिनी एस एस बी के कमांडेन्ट दामोदर प्रसाद मीना ने बताया कि योग की शुरुआत भारत से ही हुयी है। जीवन में योग सभी रोग और विकारों को दूर करता है और इसे अपनाकर व्यक्ति संपूर्ण स्वास्थ्य को प्राप्त कर सकता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार योग को बढ़ावा देने के लिए लागातार प्रयत्नशील हैं। आज यह योग न कि हिंदुस्तान में बल्कि पूरे विश्व भर में योग दिवस मनाया जाता हैं। आज का योग दिवस हिंदुस्तान के लिए गर्व का दिन है, जो हमारे देश भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बदौलत सम्भव हुआ है। इस योग दिवस को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर पूरे भारत मे मनाने के लिए वर्ष-2014 में यू एन ओ में बात रखी उसमे अधिकतर देशों का समर्थन प्राप्त हुआ था। कभी भी किसी प्रस्ताव पर इतना समर्थन प्राप्त नहीं हुआ था, जितना इस योग दिवस के लिए प्राप्त हुआ था। तभी से लागातार 21 जून को योग दिवस के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। वही मुख्य आरक्षी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रवि कुमार ने बताया कि योग का अभ्यास कर 18 वीं वाहिनी एस एस बी मुख्यालय में भी सभी हताशा और निराशा को दूर भगा कर एक स्वस्थ नागरिक बन सकते हैं जिससे अपराध की प्रवृत्ति समाप्त होगी। योग शिवर में उपस्थित कर्मियों को संबोधित करते हुए योग प्रशिक्षक मुख्य आरक्षी राजीव कुमार ने कहा कि योग से शारीरिक, मानसिक, बौधिक, आत्मिक एवम सामाजिक जीवन जीने की कला उत्पन्न होती है। योग शिविर में ताड़ासन, वज्रासन, उष्टासन, पवन मुक्तासन, भ्रामरी गुंजन, शितकारी, भुजंगासन आदि क्रियाओं का अभ्यास आयुष मंत्रालय के प्रोटोकॉल के अनुसार कराया। यह शिविर प्रात: 630 बजे से 8 बजे तक चला। वही उप कमांडेन्ट जीत सिंह ने बताया कि नियमित योग करने से शरीर चुस्त एवं दुरुस्त रहता है। तथा शरीर में किसी प्रकार कि बीमारियां नहीं होती हैं। योग से शरीर के अंदर एक नई प्रकार कि उर्जा कि जागृत होता है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि ये मस्तिष्क एवं शरीर कि एकता को संगठित करता हैं। जो हमे विजय पथ कि ओर ले जाता है।इस योग प्रशिक्षण शिविर में 18 वीं वाहिनी एस एस बी के उप कमांडेन्ट जीत सिंह, सहायक कमांडेन्ट चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रवि कुमार, निरीक्षक प्रशासन राजपाल समेत एस एस बी के कई अन्य आलाधिकारियों, कर्मचारियों, जवानों एवं ग्रामीणों ने इस अवसर पर बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।