पर्यावरण विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित,वर्तमान समय में पर्यावरण संरक्षण का महत्व
विद्वानों की ग्रुप फोटो
मधुबनी
महारानी माहेश्वरी लता संस्कृत विद्यापीठ लोहाना मधुबनी में पर्यावरण विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई। जिसका विषय `वर्तमान समय में पर्यावरण संरक्षण का महत्व ʼइस संगोष्ठी के अध्यक्ष प्रधानाचार्य डॉ घनश्याम मिश्रा थे तथा मुख्य अतिथि के रुप में प्रो. शशिनाथ झा कुलपति ,कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा थे एवं विशिष्ट अतिथि डॉ बासुकी नाथ झा ,स्नातकोत्तर साहित्य विभाग कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय थे ,साथ ही सारस्वत अतिथि प्रो.इंद्रनाथ झा ,पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष, बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत एवं विषय प्रवर्तन प्रधानाचार्य डॉ घनश्याम मिश्र ने किया। मुख्य अतिथि माननीय कुलपति ने कहा कि इस विद्यापीठ में महान से महान विद्वान कार्यरत थे अतः यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हम आज इस विद्यापीठ में इस संगोष्ठी में उपस्थित हैं। हम कार्य करने के लिए है न कि सुख भोग के लिए। अतः राष्ट्र सेवा समाज सेवा प्रत्येक मानव का कर्तव्य होना चाहिए। संस्कृत वांग्मय में प्रत्येक शास्त्र प्रकृति की शिक्षा देती है। पृथ्वी जल वायु आकाश तेज इन सभी से मनुष्य का अस्तित्व बनता है और यह सब प्रकृति में है ।अतः प्रकृति की रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है।हमारे यहां संस्कृत वाङ्मय में 1 दिन नहीं पूरे वर्ष भर प्रकृति पर्यावरण के संरक्षण की शिक्षा की बात कही गई है। अतः वर्ष भर हम लोग पर्यावरण संरक्षण का कार्य करते हैं ।पर्यावरण संरक्षण के एक अचूक उपाय यज्ञ है। यज्ञ से पर्यावरण संतुलित होता है । जल की शुद्धि पंचगव्य चुना आदि से होता है, भू शुद्धि जल आदि से होता है । वायु शुद्धि यज्ञादि से होता हैअतः हमें जल संरक्षण भू संरक्षण वनस्पति संरक्षण इन सब के लिए तत्पर रहना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को अपने कर्तव्य के प्रति तत्पर रहना चाहिए। तभी हम पर्यावरण का संरक्षण कर पाएंगे वही कार्यक्रम के प्रारंभ में वैदिक मंगलाचरण के साथ मञ्चसञ्चालन डॉ.ॠद्धि नाथ झा ,सहायक प्राचार्य ने किया ।अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ जयंती माला ने किया। अन्य अतिथि डॉ विष्णु देव झा, डॉ ललन झा आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सहायक प्राचार्य डॉ शारदा कुमारी, डॉ श्यामा कुमारी, डॉ दुर्गानंद ठाकुर आदि ने भी विचार व्यक्त कियाकार्यक्रम में सभी छात्र के साथ साथ कर्मचारी चंद्रमणि जी एवं वसंत झा भी उपस्थित थे।