बाढ़ के पूर्व, बाढ़ के दौरान एवम बाढ़ के बाद,उपायों को अपनाकर बाढ़ से होने वाली क्षति को काफी कम कर सकते है।-डीए
बेनीपट्टी में एसडीएम बैठक करते
मधुबनी
संभावित बाढ़-सुखाड़ को लेकर जिले के सभी प्रखंडों में एक साथ अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गई। डीएम अरविन्द कुमार वर्मा के निर्देश पर प्रखंडों के वरीय अधिकारियों ने अपने संबधित प्रखंड में पहुँचकर प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियो एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर अब तक प्रखंड स्तर पर संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ को लेकर की गई तैयारियों का समीक्षा किया वही उपस्थित जनप्रतिनिधियों से कई महत्वपूर्ण सुझाव के साथ साथ फीडबैक भी लिया। बैठक में अब तक विभिन्न विभागों द्वारा संभावित बाढ़-सुखाड़ को लेकर की गई तैयारी,यथा जीआर सूची का अपडेशन, पॉलीथिन शीट की उपलब्धता एवं उसका भौतिक सत्यापन, पंडौल स्थित वेयर हाउस का भौतिक सत्यापन, प्रखंड स्तरीय संचार योजना का निर्माण,प्रखंडस्तरीय बाढ़-सुखाड़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना, नाव की मरम्मति,नाविकों के साथ एकरारनामा,नाविकों का बकाया भुगतान की स्थिति, बाढ़ राहत स्थल, सामुदायिक रसोई का भौतिक सत्यापन एवं अक्षांश-देशांतर के साथ सूची की उपलब्धता, तटबंधों का निरीक्षण, तटबंधों की निगरानी,क्षतिग्रस्त तटबंधों की मरम्मती, भेंट की सफाई, सुलिस गेट की स्थिति, पेयजल की उपलब्धता,बाढ़ -सुखाड़ को लेकर आकस्मिक फसल योजना,डीजल अनुदान की व्यवस्था,कृषि फीडर से किसानों को निर्बाध विधुत आपूर्ति की व्यवस्था,नहरों के अंतिम छोर तक पानी पहुचाने की व्यवस्था, क्षतिग्रस्त सड़को की मरम्मति, बाढ़ की स्थिति में वैकल्पिक सड़क की व्यवस्था,आदि की समीक्षा होगी। प्रखंडों में निर्मित एवं बन रहे स्थायी बाढ़ स्थल की अधतन स्थिति एवं उसका भौतिक सत्यापन आदि विषयों पर व्यापक समीक्षा की गई। गौरतलब हो कि जिले में वर्तमान में बाढ़ सुरक्षा सप्ताह मनाई जा रही है।हमारे मधुबनी जिला बिहार के अधिकतम बाढ़ प्रभावित राज्यों में से एक है l जिले 21 प्रखंडो में से 18 प्रखंड बाढ़ प्रणव है l जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा के नेतृत्व में बाढ़ से बचाव के लिए जिला, प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर अनेक उपाय किये जा रहे है l इसी क्रम में जिला प्रशासन, मधुबनी द्वारा जागरूकता एवं बाढ़ पूर्व तैयारी के लिए बाढ़ सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है l इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ से पूर्व, बाढ़ के दौरान एवं बाढ़ के बाद उपायों को अपनाकर बाढ़ से बचने एवं उससे होने वाली क्षति को कम किया जा सकता है l