December 24, 2024

आधुनिक भारत की कल्पना की थी पर यह तभी सम्भव है जब हजारों वर्षों से चले आ रहे जातिवादी भेदभाव को खत्म हो:-पूर्व विधायक

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धरने पर बैठे राजद नेता
मधुबनी
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के नई शिक्षा नीति,बढ़ती मंहगाई के विरोध में एवं जातीय जनगणना की मांग को लेकर युवा राष्ट्रीय जनता दल के द्वारा जिला मुख्यालय पर सोमवार को धरना दिया गया। युवा जिला अध्यक्ष इंद्रभूषण यादव के अध्यक्षता एवं उमेश राम के संचालन में सभा का आयोजन किया गया। जिसे संबोधित करते हुए पूर्व विधायकरामकुमार यादव ने कहा की संविधान के निर्माताओं ने एक आधुनिक भारत की कल्पना की थी पर यह तभी सम्भव है जब हजारों वर्षों से चले आ रहे जातिवादी भेदभाव को खत्म किया जाए। सूचना क्रांति के युग में जनसंख्या का डॉक्यूमेंटेशन और कैटेगराईजेशनन अत्यंत जरूरी है तभी आधुनिक समाज को तीव्र गति से विकसित किया जा सकता है। जैसा कि हमें मालूम है कि जाति एक महत्वपूर्ण कारक है जो मनुष्य को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्तर पर पहचान देता है। इसी कारणवश जातिगत आँकड़े को पब्लिक नहीं किया जा रहा है ताकि सामंतवादी वर्चस्व बना रहे। पिछले नब्बे वर्षों से जाति जनगणना नहीं की गई है। युवा राजद के राष्ट्रीय सचिव संतोष यादव ने कहा की जिस नीति और नीयत से केंद्र सरकार काम कर रही है उससे यह कहा जा सकता है कि जनता को छलावा दे रही हैं ! सरकार में आने के बाद नरेंद्र मोदी ने लगातार विकास की प्रक्रिया को गति देने के लिए अनेक स्ट्रक्चरल और मॉनेटरी रिफार्म किये ताकि संरचनात्मक सुधार किया जा सके ताकि पढ़ाई, दवाई, कमाई और सिंचाई के क्षेत्र में चौमुखी विकास हो ।

पर पिछले नौ सालों में सरकार ने जो संरचनात्मक सुधार किया है उससे लगभग सभी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। चाहे वह नोटबन्दी हो, कृषि योजना हो, नियंत्रण मुक्त ईंधन की कीमत हो या फिर आवश्यक वस्तु अधिनियम। इन सुधारों से लगभग सभी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं जिसका खामियाजा जनता भुगत रही है और कमरतोड़ महंगाई से जनता त्राहिमाम है।युवा जिला अध्यक्ष इंद्रभूषण यादव ने कहा की नई शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में कायाकल्प करने की सरकार की योजना है ताकि भारत एक आत्मनिर्भर देश बन सके और आर्थिक शक्ति के रूप में अपनी पहचान बना सके । यह सम्भव तभी है जब नई शिक्षा नीति संवैधानिक मूल्यों के साथ-साथ गुणात्मक शिक्षा का प्रजातंत्रिकरण करे। पर ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य अपने दायित्वों से पीछे हट रहा है। पिछले 34 सालों के बाद आई नई शिक्षा नीति अपने लक्ष्यों को प्राप्त तभी कर सकती है जब सामाजिक, आर्थिक और डिजिटल डिवाइड की खाई को पाटा जाए। पर नई शिक्षा नीति में ग्रेडेड ऑटोनोमी, ऐसा दिखता नहीं है क्योंकि ऑटोनोमस कॉलेज और बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को बड़े सुधार के रूप में लाया गया है जो एक भयावह स्थिति उतपन्न कर सकती है । ऐसा इसलिए क्योंकि शिक्षा संस्थाओं को वित्त पोषण संस्था से लोन लेने की बात कही गई है। जब कॉलेज और विश्वविद्यालय लोन लेंगे तो चुकाएंगे कैसे, या तो छात्रों की फीस में बेतहाशा वृद्धि होगी या फिर वे नॉन परफोर्मिंग एसेट (NPA) की तरह बिक जाएंगे। इन परिस्थितियों में कोई भी समझ सकता है कि गरीब बच्चे और भी हाशिये पर चले जायेंगे।राजद जिला अध्यक्ष वीर बहादुर राय ने कहा की जाति जनगणना को बिहार विधानसभा ने पारित किया है। बिहार सरकार ने यह भी कहा कि यदि केंद्र सरकार जाति जनगणना नहीं कराती है तो उस परिस्थिति में बिहार सरकार अपने पैसे से जाति जनगणना कराएगी। आज की परिस्थिति यह है किकेंद्र सरकार ने पार्लियामेंट को बताया है कि वह जाति जनगणना नही कराएग! वहीं नीतीश कुमार और तेजस्वी प्रसाद यादव की सरकार नेजाती आधारित गणना करवा रहे हैं तो कुछ लोग न्यायालय में चले गए है !पूर्व विधायक रामशीष यादव ने कहा की जब हम कृषि क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र और सेवा क्षेत्र को देखते हैं तो पाते हैं कि इन सभी क्षेत्रों में स्ट्रक्चरल और मॉनेटरी रिफार्म पॉलिसी का व्यापक असर देखने को मिलता है। इसी कारणवश आज जनता को महंगाई और बेरोजगारी ने अपने चक्रव्यूह में फंसा लिया है। प्राइवेट और गवर्नमेंट कंसम्पशन एक्सपेंडिचर देखें तो पाते हैं कि इसमें भारी गिरावट आई है जो 2015 में 7.5 प्रतिशत, 2019 में 6 प्रतिशत और आज यह घटकर 3 प्रतिशत हो गया है। इसका मतलब यह हुआ कि मार्केट में डिमांड नहीं है पर इसके बावजूद महंगाई का तांडव दिख रहा है। आमतौर पर जब टोटल डिमांड सप्लाई से ज्यादा हो तभी महंगाई बढ़ती है पर यहां तो बिना डिमांड के महंगाई दिख रही है। य…

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