पंडौल से दो श्रमिक कुल छह (6) बाल श्रमिको को विमुक्त कराया गया
श्रम पदाधिकारियों की टीम धावा बोलते
मधुबनी
मधुबनी के पंडौल प्रखंड में बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु श्रम अधीक्षक राकेश रंजन के निर्देशानुसार धावा दल के द्वारा बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में सघन जांच अभियान चलाया गया। इसी क्रम में रंजन मोटर साइकिल दुकान पंडौल से एक बाल श्रमिक, सुरेंद्र राय स्वीट होम पंडौल से एक बाल श्रमिक, कन्हैया स्वीटस होम पंडौल से दो बाल श्रमिक, संजीत मोटर साइकिल गैरेज पंडौल से दो श्रमिक कुल छह (6) बाल श्रमिको को विमुक्त कराया गया । विमुक्त बाल श्रमिको को बाल कल्याण समिति, मधुबनी के समक्ष उपस्थापित कर निर्देशानुसार उन्हें बाल गृह में रखा गया है ।श्रम अधीक्षक ने बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत गैरकानूनी है।इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एम सी मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार 1996 में दिए गए आदेश के आलोक में नियोजकों से ₹20000 प्रति बाल श्रमिक की दर से अलग से राशि की वसूली की जाएगी।इस धावा दल टीम के सदस्य के रूप में मिहिर कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी पंडौल, गोविंद कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी रहिका, संतोष कुमार पोद्दार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी घोघरडीहा, अमित कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी अंधराठाढ़ी, सिद्धार्थ कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी हरलाखी, हितेश कुमार भार्गव श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी खजौली, प्रेम कुमार साह श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी जयनगर, चाइल्डलाइन के प्रतिनिधि रत्ना कुमारी, ग्राम विकास युवा ट्रस्ट मधुबनी के प्रतिनिधि, आश्रय संस्था मधुबनी के जिला समन्वयक समीर पॉल, सर्वों प्रयास संस्थान मधुबनी से पूनम देवी, किरण कुमारी, एंटी ह्यूमन टेफिकिंग यूनिट मधुबनी के सदस्य , पुलिस लाइन एक पुलिस पदाधिकारी एवं कई पुलिसकर्मी एवं पंडौल थाना के पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मी शामिल थे ।