श्रम विभाग ने बाल श्रमिकों के विरुद्ध जागरूकता अभियान किया तेज
व्यवसाय काउंटर पर जांच करते अधिकारी
मधुबनी
बाल श्रम के विरुद्ध लगातार आम जनमानस के बीच जन जागरूकता एवं समाज के प्रत्येक वर्ग पर बाल श्रमिकों के विरुद्ध सजगता हेतु सघन निरीक्षण कार्यक्रम एवं प्रचार प्रसार श्रम विभाग के अधिकारियों के द्वारा किया जा रहा है।इसी क्रम में बुधवार को बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु घोघरडीहा प्रखंड में बाल श्रमिको के विमुक्ति हेतु विभिन्न ईंट भट्ठों एवं विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में श्रम अधीक्षक राकेश रंजन के दिशानिर्देश में धावा दल की टीम के द्वारा सघन जांच अभियान चलाया गया। इसी क्रम में विभिन्न ईंट भट्ठों गुन गुन ईंट उद्योग हटनी, मेसर्स कुमार ब्रदर्स पीरोजगढ़, जय श्री हनुमान ईंट उद्योग हटनी, तथा विभिन्न दुकान एवं प्रतिष्ठान अंतर्गत सोनू मोनू स्वीट हाउस स्टेशन चौक घोघरडीहा, मधु मिलन स्वीट होम घोघरडीहा मेन रोड, एवं आयुष आदर्श स्वीटस डाबर चौक, घोघरडीहा का धावा दल द्वारा सघन जांच किया गया। श्रम अधीक्षक ने बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत गैरकानूनी है तथा बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को ₹20000 से ₹50000 तक का जुर्माना और 2 वर्षों तक के कारावास का प्रावधान है ।इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एम सी मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार 1996 में दिए गए आदेश के आलोक में नियोजकों से ₹20000 प्रति बाल श्रमिक की दर से अलग से राशि की वसूली की जाएगी जो जिलाधिकारी के पदनाम से संधारित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष में जमा किया जाएगा ।इस राशि को जमा नहीं कराने वाले नियोजक के विरुद्ध एक सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्र वाद अलग से दायर किया जाएगा ।आज की इस धावादल टीम के सदस्य के रूप में संतोष कुमार पोद्दार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी घोघरडीहा, अमित कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी अंधराठाढी, चंदन कुमार गुप्ता श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी झंझारपुर एवं हरी प्रसाद चाइल्डलाइन मधुबनी के सदस्य शामिल थे ।धावा दल की टीम के द्वारा आज घोघरडीहा प्रखंड क्षेत्र में स्टेशन चौक, हटनी चौक, पीरोजगढ आदि स्थानों का निरीक्षण किया गया। तथा सभी दुकान एवं प्रतिष्ठान में सघन जांच की गई तथा सभी नियोजको से किसी भबाल श्रमिक को नियोजित नहीं करने हेतु एक शपथ पत्र भरवाया गया ।श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि धावा दल नियमित रूप से प्रत्येक सप्ताह चलाया जाएगा तथा बाल श्रमिकों को नियोजित करने वाले नियोजकों के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।