December 24, 2024

स्व राजीव गांधी की 32 वीं पुण्यतिथि बलिदान दिवस के रूप में कांग्रेसियों ने मनाया

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चित्र पर पुष्प अर्पित करते
मधुबनी
जिला कांग्रेस कमिटी मधुबनी के सभागार में देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न,21 वीं शदी के स्वप्नद्रष्टा स्व राजीव गांधी की 32 वीं पुण्यतिथि बलिदान दिवस के रूप में पार्टी जिलाध्यक्ष प्रो शीतलाम्बर झा के अध्यक्षता में सादगी से रविवार को मनाई गई।सर्वप्रथम कांग्रेसजनों ने उनके तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रदासुमन निवेदित किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रो झा ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर बिस्तर से प्रकाश डालते हुए कहा वे सादगी के प्रतिमूर्ति व दृढ़ निश्चय के महामानव थे जिन्हें आज ही के दिन 1991 में आधुनिक भारत के शिल्पकार ,सूचना प्रद्योगिकी, सुपर कंप्यूटर क्रांति व पंचायतीराज के जनक स्व राजीव गांधी की तामिलनाडु के पेयम्बटूर में देश के दुश्मन आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी आज सम्पूर्ण देश बलिदान दिवस के रूप में उन्हें शिद्दत से याद कर रहा है वे अपने अल्प राजनीतिक कार्यकाल में देश को चौमुखी विकास के लिए पुरजोर कोशिश की राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की वसूलों को अंगीकार कर देश मे में ग्रामस्वराज्य को मजबूत करने के लिए त्रिस्तरीय पंचायत को अधिकार सुपुर्द किया, युवक एवं युवतियों को अठारह वर्षों में ही मताधिकार का अधिकार देकर देश को लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत किया वे गरीबों, मजदूरों ,बंचितों ,आदिवासियों, अकलियतों एवं पिछड़ों अतिपिछड़ों के आगे लाने के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की सेना को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण योगदान दिया जिससे देश की सेना आज दुनिया के तीसरी सबसे बड़ी शक्ति के रूप में उभरी,गरीबों के बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए नवोदय जवाहर विद्यालय की स्थापना की देश मे राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर आमजनों को सुलभ शिक्षा उपलब्ध कराया ,उन्होंने किसानों को आगे बढ़ाने के लिए कई योजनाएं शुरू की राजीव गांधी ही अमेरिका जैसे शक्तिशाली राष्ट्र को भी वाइट हाउस में भारत की शक्ति से परिचित करने से नही चुके उन्होंने ही आतंकी देश पाकिस्तान को चौबीस घण्टे में घुटने के बल खड़ा करने का काम की चीन के धमकी के बाद भी राजीव गांधी ने अरुणाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देकर भारत का अभिन्न अंग घोषित किया वे आमजनों के लिए सुलभ उपलब्ध होते थे, पक्ष विपक्ष के नेताओं को समान रूप से सम्मान करते थे ,वे सच्चे मायने में देशभक्त व कुशल प्रशासक थे जो देश के एकता और अखंडता से कभी समझौता नहीं कि और अपना बलिदान देकर देश के मान को झुकने नही दिया।कार्यक्रम विदेश चौधरी, मिथिलेश कुमार झा,डॉ मुनेश्वर यादव,अशोक कुमार, रंजीत पासवान,महेश साह, मुकेश कुमार झा पप्पू, सुधीर कुमार झा,विनय झा,मो साबिर, धनेश्वर ठाकुर, कालिशचंद्र झा,राजेश कुमार झा, बालेश्वर पासवान, इश्तिहाक अहमद,बिनोद झा मनोज साफी, बिमल सिंह, आदि थे।

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