देवताओं से बड़ा है माता- पिता,पुत्र को चाहिए कि माता- पिता को अंत काल तक करें सम्मान:- डॉ किरण
डॉ किरण कुमारी झा,
मधुबनी
देश में मातृ दिवस बड़े उत्साह पूर्ण वातावरण में मनाया गया। मातृ दिवस पर प्रत्येक परिवार में अपने माता – पिता को सुख समृद्ध बनाने की संकल्प लेते देखा गया। जे एम डी पी एल महिला महाविद्यालय मधुबनी के प्रोफेसर सह भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ किरण कुमारी झा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि पूरा विश्व आज मातृ दिवस मना रही है। माता पिता को सम्मान देने और उनके अंतिम समय तक सुख सुविधा का ख्याल रखने की संकल्प पुत्र के द्वारा लेते देखा जाता है। भाजपा नेत्री डॉ किरण कुमारी झा ने अपने बयान में कहा है कि देश में ऐसा कानून बनना चाहिए की देवताओं से बड़ा माता पिता को उनके पुत्र के द्वारा अंत समय में सुख सुविधा से वंचित कर अनाथालय या अन्य जगहों पर छोड़कर अपने परिवारिक जीवन में सुख सुविधा प्राप्त करने लगते हैं। जिससे माता-पिता को काफी कष्ट होती है, इसीलिए ऐसा कानून बनाया जाए जिससे पुत्र के द्वारा अर्जित संपत्ति में माता पिता को अंत समय के लिए सुख सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। जिससे माता पिता के द्वारा अर्जित संपत्ति और पुत्र के द्वारा अर्जित संपत्ति में माता पिता को अंत समय तक सुख सुविधा की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देखा जा रहा है कि पुत्र अपने माता-पिता को घर पर छोड़ कर या अनाथालय में देकर अपने परिवारिक जीवन को सुख सुविधा से लैस होते हैं । परंतु देव तुल्य माता पिता को दुख की घड़ी में छोड़कर अपने को भाग्यशाली और बलवान समझते हैं, जो किसी भी हालत में उचित नहीं लगता। मातृ दिवस का मतलब स्पष्ट है कि पुत्र को चाहिए कि अपने माता पिता को देवताओं से भी अधिक सम्मान करें और अंत काल तक उसे हर हाल में सभी सुख-सुविधाओं से सुख अर्पित करते रहे। परवारिक जीवन का मतलब माता पिता को सम्मान करना प्रथम प्राथमिकता होती है। लेकिन बदलते समय में देखा जा रहा है कि माता पिता को अंत समय में पुत्र के द्वारा प्रताड़ना करने और किसी भी सुख सुधा से वंचित रखा जाता है जो समाज को कलंकित करने के अलावा दूषित भी करता है । इसीलिए मातृ दिवस का मतलब स्पष्ट है कि माता-पिता ही देवताओं से बड़े हैं उनका सम्मान हर हाल में होना चाहिए।