मई मजदूर दिवस दुनिया के संगठित एवं असंगठित मजदूरों के स्वाभिमान का दिवस:-रामचंद्र शर्मा
दीप जलाकर उद्घाटन करते मंत्री
मधुबनी
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) से संबद्ध यूनियन विश्वकर्मा कास्ट शिल्पी विकास समिति (काष्ठकर्मी संघ), निर्माण कामगार फेडरेशन, रसोईया संघ, निर्माण श्रमिक संघ मधुबनी के आह्वान पर मई मजदूर दिवस संकल्प सभा का आयोजन स्थान मिथिला भवन में रामचन्द्र शर्मा की अध्यक्षता में सभा का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रुप में समीर कुमार महासेठ उद्योग मंत्री बिहार सरकार, राम लखन राम रमन पूर्व शिक्षा मंत्री, शिवपूजन ठाकुर राज्य महासचिव काष्ठकर्मी संघ, डॉo प्रेमकांत झा लोजपा नेता, सुनील कुमार नायक अध्यक्ष चेंबर ऑफ कॉमर्स, इंद्र भूषण रमन “बम बम”, कॉमरेड मिथिलेश झा जिला मंत्री भाकपा, अताउल रहमान अंसारी, विजय कुमार शर्मा, विश्वनाथ ठाकुर, फिरन ठाकुर, नागेश्वर ठाकुर सभी को पाग दोपट्टा माला से सम्मानित किया गया तथा दीप प्रज्वलित कर संकल्प सभा का उद्घाटन कर शहीदों को श्रद्धांजलि दिया गया।
विश्वकर्मा काष्ठ शिल्पी विकास समिति के कमेटी द्वारा मेमेंटो देकर उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ जी को सम्मानित किया और बिहार शिल्पी विकास निगम की स्थापना हेतु मांग पत्र सौंपा। सभा को रामचंद्र शर्मा जिला अध्यक्ष ने संबोधन में कहा कि 1 मई मजदूर दिवस दुनिया के संगठित एवं असंगठित मजदूरों के स्वाभिमान का दिवस है। विदित हो कि 18वीं सदी में मजदूरों से 18 घंटा काम लिया जाता था। सूर्योदय से सूर्यास्त तक काम करना पड़ता था मजदूर अपने बच्चे को पहचान नहीं पाते थे। उस समय श्रम कानून नहीं बना था। सन 1886 ईस्वी में अमेरिका के शिकागो शहर में आम हड़ताल हुई, कार्ल मार्क्स ने नारा दिया दुनिया के मजदूरों एक हो, आंदोलन में प्रबंधन द्वारा गोली चली सैकड़ों मजदूर शहीद हुए मजदूरों के खून से रंगा कपड़ा लाल झंडा बना जो आज शोषण दोहन के खिलाफ लड़ाई का प्रतीक है।ट्रेड यूनियन एक्ट 1927 एवं काम का अधिकार न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 बनी।
जिसका आज सरकार द्वारा उल्लंघन हो रहा है। जनसंख्या के आधार पर 93% मजदूर हैं जिस पर देश टिकी हुई है मजदूरों का शोषण हो रहा है श्रमिकों पर नई शिक्षा नीति एवं आर्थिक नीति थोपा जा रहा है।श्रम संसाधन विभाग की मनमानी से योजना का लाभ मजदूरों को नहीं मिल पाता है, योजना केवल अखबार के विज्ञापन पर है। बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी भ्रष्टाचार द्वारा मजदूरों का शोषण हो रहा है। श्रम कानून में संशोधन किया जा रहा है संविधान को बचाना है। सभा को – सूरज नारायण ठाकुर, इंद्रशेखर झा, रामकृष्ण ठाकुर, रंजीत कुमार शर्मा, गोपाल शर्मा, मदन साह, गणेश मंडल, देव कुमार ठाकुर, अरुण शर्मा, शिबू दास, पवन पासवान, राम प्रकाश मंडल इत्यादि ने संबोधित किया।