वीर कुंवर सिंह जयंती और पृथ्वी दिवस मनाया गया
दीप प्रज्वलित कर धन करते शिक्षक
मधुबनी
स्थानीय जे एम डी पी एल महिला महाविद्यालय में सोमवार को पृथ्वी दिवस मनाया गया तथा अपराह्न में वीर कुंवर सिंह जी की जयंती मनाई गई। दोनो ही कार्यक्रम का आयोजन दीप प्रज्वलन से किया गया।दीप प्रज्वलन प्रधानाचार्य डॉ मीना प्रसाद के साथ डॉ किरण कुमारी झा, डॉ मीना आजाद, डॉ निभा झा, डॉ निवेदिता कुमारी , डॉ अर्चना कुमारी , डॉ काशी नाथ चौधरी के साथ अन्य शिक्षको,शिक्षकेत्तर कर्मी तथा छात्राओं ने किया।
वीर कुंवर सिंह जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और उपस्थित कर्मियों तथा छात्राओं द्वारा पुष्पांजलि अर्पित किया गया।इस अवसर पर सभागार भारत माता की जय तथा वन्दे मातरम के नारा से गूंजता रहा। पृथ्वी दिवस पर प्रकाश डालते हुए प्रधानाचार्य डॉ मीना प्रसाद ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या ने प्रकृति एवं पृथ्वी पर उपलब्ध संसाधनों का अत्यधिक उपयोग किया है जिसके कारण मानव सभ्यता के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है।पृथ्वी और पर्यावरण का संरक्षण आवश्यक है।
डॉ निभा झा ने कहा कि पृथ्वी के संरक्षण के लिए आवश्यक है कि अधिक से अधिक पेड़ लगाया जाय।पृथ्वी दिवस पर डॉ लव कुमार सिंह , डॉ आशा प्रधान, डॉ किरण कुमारी झा ने कहा कि वीर कुमार सिंह के जीवन काफी महत्वपूर्ण और देश प्रेम के लिए याद किया जाता रहेगा।,नजराना परवीन ने भी अपने विचार व्यक्त किए। वीर कुंवर सिंह जी की जयंती पर प्रकाश डालते हुए प्रधानाचार्य डॉ मीना प्रसाद ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में वीर कुंवर सिंह जी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है।वे सदैव युवा पीढ़ी के प्रेरणाश्रोत हैं।
डॉ मीना आजाद ने कहा कि वीर कुंवर सिंह की प्रेरणा से देश स्वतंत्र हुआ।इस अवसर पर डॉ रेखा सिंह, डॉ किरण कुमारी झा आदि ने भी वीर कुंवर सिंह जी के योगदान पर प्रकाश डाला।इस अवसर पर डॉ रजनी बैरोलीया, डॉ अर्चना कुमारी , डॉ मीना कुमारी, डॉ भारत भूषण राय, डॉ अरिन्दम कुमार, डॉ सविता वर्मा , डॉ काशी नाथ चौधरी,डॉ शशिबाला झा ,शशिभूषण राय,श्याम महासेठ,रामचंद्र सिन्हा,प्रमोद अग्रवाल,अरुण कर्ण के साथ कई महाविद्यालय कर्मी तथा छात्राएं उपस्थित थी।दोनो कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य डॉ मीना प्रसाद ने की तथा मंच संचालन डॉ निवेदिता कुमारी ने किया।पृथ्वी दिवस कार्यक्रम का आयोजन अर्थ शास्त्र विभाग द्वारा किया गया तथा वीर कुंवर सिंह जी की जयंती का आयोजन महाविद्यालय के इतिहास विभाग द्वारा किया गया।धन्यवाद ज्ञापन डॉ अरिन्दम कुमार तथा डॉ भारत भूषण राय द्वारा किया गया।