बालविवाह एक दंडनीय अपराध:-डीएम
बाल विवाह पर बैठक करते डीएम
मधुबनी
जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा द्वारा सोमवार देर शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित हुई बैठक में जिले के सभी अनुमंडल पदाधिकारियों और प्रखंड विकास पदाधिकारियों को बाल विवाह की रोकथाम संबंधी कई निर्देश दिए गए। आगामी लगन के दौरान होने वाली शादियों में बाल विवाह की रोकथाम, विशेषकर 22 अप्रैल 2023 को मनाए जाने वाले अक्षय तृतीया के दौरान बाल विवाह की आशंकाओं को देखते हुए, बाल विवाह निषेध के प्रति आवश्यक कदम उठाए जाने के विभागीय निर्देश के आलोक में उक्त बैठक को आहूत किया गया था।बैठक को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि 21वीं सदी में बाल विवाह न केवल त्याजने योग्य प्रथा है,बल्कि, यह एक दंडनीय अपराध भी है। उन्होंने कहा कि इसे रोकने के लिए पर्याप्त कानून बनाए गए हैं। परन्तु, इसकी रोकथाम के लिए जन जागरूकता की अत्यंत आवश्यकता है। आज लड़कियां पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर समाज के विकास में अपना योगदान दे रही हैं। अपने संबोधन में उन्होंने स्पष्ट किया कि जिले के सभी अनुमंडल पदाधिकारी अपने अपने अनुमंडल स्तर पर और सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी अपने अपने प्रखंड के स्तर पर बाल विवाह के निषेध पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं।उन्होंने विशेष रूप से बाल विवाह की रोकथाम में विद्यालयों के शिक्षकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, जीविका दीदियों और जनप्रतिनिधियों की भूमिका को रेखांकित करते हुए उनसे सक्रिय सहयोग लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि बाल विवाह की किसी भी सूचना को तत्काल संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी , प्रखंड विकास पदाधिकारी और पुलिस थाने को दी जानी चाहिए। इसके लिए जिला स्तर पर भी महिला हेल्पलाइन की भूमिका तय की गई है। बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष से उप विकास आयुक्त, विशाल राज, अपर समाहर्ता, नरेश झा, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, आईसीडीएस, कविता कुमारी, महिला हेल्प लाइन की जिला समन्वयक, वीना चौधरी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। जबकि जिले के सभी अनुमंडल पदाधिकारी व प्रखंड विकास पदाधिकारी अपने अपने कार्यालय से ऑनलाइन मोड में शामिल ह।