December 24, 2024

विद्यालय में दसवीं तक संस्कृत के पढ़ाई होगी तो संस्कृत का होगा संरक्षण:- आचार्य किशोर कुणाल

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1 – संस्कृत के प्रचार-प्रसार में संस्कृत भारती का योगदान अहम- कुणाल
2 – परिवार शिक्षा वर्ग से नैतिक मूल्यों का होगा संवर्धन
-त्रिदिवसीय परिवार शिक्षा वर्ग की हुई शुरूआत
– प्रथम दिन तीन सत्रों में दिया गया प्रशिक्षण

परिवार शिक्षा वर्ग का उद्घाटन करते अतिथिगण
पटना
संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है, संस्कृत का पाणिनी व्याकरण जैसा कोई अन्य व्याकरण इस संसार में नहीं है। संस्कृत भाषा संस्कारकृत भाषा है, इसके संरक्षण एवं संवर्धन से देश में प्रगति होगी। जब तक संस्कृत भाषा सुरक्षित है तब तक हमारा भारत भी सुरक्षित है। उक्त बातें ठाकुर प्रसाद स्मृति भवन , किदवईपुरी पटना के सभागार में संस्कृत भारती बिहार प्रांतन्यास के तत्वावधान में त्रिदिवसीय आयोजित परिवार शिक्षा वर्ग के उद्घाटन करते हुए वक्ताओं ने कही। उद्घाटनकर्ता आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि पूर्व में मिडिल स्कूलों में संस्कृत भाषा की पढ़ाई होती थी परंतु अभी कक्षा नौवीं एवं दशमी में भी वैकल्पिक विषयों के रूप में संस्कृत पढ़ाई जाती है। यदि विद्यालय स्तर पर दसवीं कक्षा तक संस्कृत भाषा को अनिवार्य रूप से पढ़ाई जाए तो संस्कृत के साथ-साथ हमारी संस्कृति भी संरक्षित होगी।अपने प्रस्तावित भाषण में संस्कृत भारती के अखिल भारत संपर्क प्रमुख श्रीशदेव पुजारी ने कहा कि वर्तमान समय में हम सभी विविध क्षेत्रों में विकास कर रहे हैं। संस्कृत एवं संस्कार की दृष्टि से हम विकसित नहीं है।

सुसंस्कृत परिवार के निर्माण के लिए इस प्रकार के प्रशिक्षण लाभकारी सिद्ध होगा । अभिभावकों को चाहिए अपने बच्चों को बाल्यकाल से ही नैतिक शिक्षा का ज्ञान दें।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.आर के सिंह ने कहा कि संस्कृत ज्ञान के बिना सभी प्रकार के विकास की कल्पना संभव नहीं है। हमें विदेशी संस्कृति, विज्ञान आदि के विकास के क्षेत्र में अनुकरण से उतना परहेज नहीं है परंतु अपने संस्कृति एवं संस्कार को भी संरक्षित करना चाहिए।पारिवारिक शिक्षा के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए प्रो. सिंह ने कहा कि इस त्रिदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ सभी प्रशिक्षक लेंगे तथा अपने घरों में इसे क्रियान्वित करेंगे।परिवार शिक्षा वर्ग के उद्घाटन डॉ. ध्रुव कुमार मिश्र के वैदिक मंगलाचरण से हुई। मंचासीन अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर विधिवत उद्घाटन की गई। तत्पश्चात भारत माता तथा सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पार्चन की गई। आगत अतिथियों का परिचय प्रांत मंत्री डॉ.रमेश कुमार झा, स्वागत भाषण सर्वविध व्यवस्था प्रमुख मृत्युंजय झा ने किया। मंच संचालन प्रांत शिक्षण प्रमुख देव निरंजन तथा प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. रामसेवक झा ने किया।

धन्यवाद ज्ञापन सह मंत्री रामेश्वरधारी सिंह ने की। ‌परिवार शिक्षा वर्ग प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे सत्र में पूजन विधि, संकल्प के नियम प्रशिक्षकों द्वारा बताया गया। तृतीय सत्र में भारतीय कालगणना श्रीशदेव पुजारी द्वारा बताया गया। वहीं अंतिम सत्र में पूजन उपचार विधि को विस्तार से चर्चा की गई।कार्यक्रम में प्रशिक्षक के रूप में केएसडीएसयू दरभंगा के डॉ.त्रिलोक झा, डॉ.मनीष मनीष शुक्ल, डॉ शशि रंजन कुमार पांडे ,डॉ.रंजीत ठाकुर, डॉ.आनंद झा, डॉ. ललन कुमार झा, डॉ. राम कुमार शर्मा एवं श्रीमन्नारायण आदि उपस्थित थे।कार्यक्रम की सफलता के लिए संस्कृत भारती के संगठन मंत्री श्रवण कुमार सहित दर्जनों कार्यकर्ता समर्पित दिखे। परिवार शिक्षा प्रशिक्षण वर्ग का द्वितीय दिवस का प्रशिक्षण 19 एवं तृतीय दिवस का प्रशिक्षण 20 मार्च को ठाकुर स्मृति भवन किदवईपुरी के सभागार में आयोजित होगी।इस प्रशिक्षण शिविर में पटना महानगर के सौ से अधिक परिवार के लोग प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।

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