अभिनंदन समारोह में सम्मानित हुए संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति, राष्ट्रीय भाषा सम्मान से पुरस्कृत प्रोफेसर उदय नाथ झा अशोक व सदर सदर एसडीओ
अभिनंदन समारोह में कुलपति डॉ शशि नाथ झा ,प्रो.उदयनाथ झा व सदर एसडीओ
मधुबनी
कुलशील परिसर में संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ शशि नाथ झा, संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के प्रोफेसर सह राष्ट्रीय भाषा सम्मान से पुरस्कृत विद्वान प्रो. उदय नाथ झा अशोक एवं सदर अनुमंडल पदाधिकारी अश्वनी कुमार का अभिनंदन समारोह मनाया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार लंबोदर झा ने किया. अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ.शशी नाथ झा ने कहा कि साहित्यिक वातावरण में साहित्यकारों का जुटान अच्छा लगता है. विभिन्न भाषाओं के साहित्य में प्रोफेसर उदय नाथ झा अशोक के अवदान को भुलाया नहीं जा सकता है. अखिल भारतीय स्तर पर जहां हजारों विद्वानों में प्रतिस्पर्धा रहता है वहां मधुबनी के विद्वान उदय नाथ जी को राष्ट्रीय भाषा सम्मान पुरस्कार मिलना बहुत बड़ी उपलब्धि है. साहित्यकार लंबोदर झा के द्वारा इस आयोजन से अभिभूत हुं. विद्वान प्रो. उदय नाथ झा अशोक ने अपने संबोधन में कहा कि अपने घर में इस तरह का सम्मान पाना अच्छा लगता है. मिथिलांचल विद्वानों की धरती है. उन्होंने कहा कि 1974 ईस्वी से स्वान्तः सुखाए, लेखन में लगे हुए हैं. पुरस्कार पाने के लक्ष्य से लेखनी से आत्मिक संतोष नहीं होता. उन्होंने कहा कि वे हिंदी, मैथिली एवं अंग्रेजी भाषा के अतिरिक्त गुजराती, बंगला,कन्नड़, असमिया, मराठी एवं तेलुगू भाषाओं में रचना लिखते हैं. भाषाविद होने के नाते विभिन्न संस्कृति को भी समझने का प्रयास रहता है. सदर एसडीओ अश्विनी कुमार ने कहा कि मैं गौरवान्वित हूं कि विद्वानों की धरती मधुबनी में पदस्थापित हूं. गुरु की छावँ में ही हम आगे बढ़ते आये हैं. प्रशासनिक व्यस्तता के बीच अभिनंदन समारोह में विद्वानों के बीच रहकर सुखद अनुभूति हो रहा है. सोनी झा ने कहा कि कुलपति डॉ शशिकांत झा, विद्वान प्रो. उदय नाथ झा अशोक एवं सदर एसडीओ के अभिनंदन समारोह का आयोजन कर अपने को गौरवान्वित महसूस कर रही हुँ. कार्यक्रम में स्वागत गान डॉक्टर इंद्रमोहन झा ने गाया. कार्यक्रम को डॉ. उदय कुमार झा, डॉ. अरविंद कुमार सिंह झा डॉ. विनय विश्व बंधु, प्रो. संजीव कुमार झा, गिरधर झा गजानन झा सहित कई वक्ताओं ने संबोधित किया. धन्यवाद ज्ञापन अंजू देवी ने दिया. इस मौके पर अमित महासेठ, सप्पू बैरोलिया, अनिल दास, सुशील कुमार झा, अजय कुमार सिंह, शीला देवी,क्षेमा देवी,रेखा झा सहित दर्जनों साहित्यकार व बुद्धजीवी मौजूद थे.