December 23, 2024

अतिमहत्वाकांक्षी पश्चिमी कोसी नहर परियोजना को पूरा कराने के लिए तेजी से चल रहे हैं कार्य : संजय कुमार झा, जल संसाधन मंत्री

0

 

,,मधुबनी जिले में सौराठ लघु नहर, कपसिया जलवाहा और जगतपुर लघु नहर का कार्य भी पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के अवशेष एवं पुनर्स्थापन कार्य के तहत कराया जा रहा है, जिसे खरीफ सीजन 2023 से पहले पूरा कराने का लक्ष्य है;-मंत्री संजय कुमार झा,,
 मंत्री संजय कुमार झा
मधुबनी
मोहन झा
मिथिला की दशकों से लंबित अतिमहत्वाकांक्षी पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के शेष कार्यों को पूरा कराने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा तेजी से कार्य कराया जा रहा है। मधुबनी जिले के रहिका प्रखंड में सौराठ लघु नहर, कपसिया जलवाहा और जगतपुर लघु नहर का कार्य भी पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के अवशेष एवं पुनर्स्थापन कार्य के चालू एकरारनामा में शामिल है, जिसे खरीफ सीजन 2023 से पहले पूरा करा लेने का लक्ष्य है। ये बातें जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने रहिका प्रखंड अंतर्गत सौराठ और जगतपुर के बीच जीवछ नदी पर स्लुईस गेट के निर्माण को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में कही। जल संसाधन मंत्री ने कहा कि सौराठ ग्राम के कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए काकरघाटी शाखा नहर से निकलनेवाली सौराठ लघु नहर और कपसिया जलवाहा का, जबकि जगतपुर ग्राम के कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए जगतपुर लघु नहर का प्रावधान किया गया है। यहां उल्लेखनीय है कि जीवछ नदी के दोनों ओर बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंध निर्मित है। इस कारण जीवछ नदी के किनारे स्लुईस गेट का निर्माण कार्य संभव नहीं है। जल संसाधन मंत्री ने बताया कि वर्ष 1971 में ही शुरू हुई पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के अंतिम चरण के सात निर्माण कार्यों का शिलान्यास खुद माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवंबर 2019 में मधुबनी में किया था। इस परियोजना के अंतर्गत दो-तीन दशक पहले निर्मित नहरों में जमा गाद की सफाई के साथ-साथ क्षतिग्रस्त नहर बांधों और जीर्ण-शीर्ण संरचनाओं का पुनर्स्थापन कार्य तथा अधूरी नहर प्रणाली का शेष निर्माण कार्य कराया जा रहा है। संजय कुमार झा ने बताया कि इस अतिमहत्वाकांक्षी परियोजना की कुल सिंचन क्षमता 2 लाख 65 हजार हेक्टेयर प्रावधानित है। इसके विरुद्ध 2 लाख 01 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचन क्षमता पूर्व में सृजित की गई थी, जिनमें से 1 लाख 41 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में ह्रासित सिंचाई क्षमता को पुनर्स्थापित करने का कार्य चल रहा है। इसके अलावा 64 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता का सृजन किया जाना है। अब तक 30,777 हेक्टेयर क्षेत्र में ह्रासित सिंचाई क्षमता का पुनर्स्थापन और 15,100 हेक्टेयर में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता का सृजन किया जा चुका है। इस परियोजना के पूर्ण होने से मधुबनी और दरभंगा जिले में कुल 2 लाख 65 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!