मशरूम उत्पादन तकनीक पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन
4 जनवरी2023 से तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारम्भ
राजस्थान
राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान दुर्गापुरा पर दिनांक 4 जनवरी2023 से तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारम्भ हुआ। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉं. बलराज सिंह माननीय कुलपति श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर ने अपने उदबोधन में कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में कृषि से आय बढाने व कुपोषण की समस्याओं से निजात दिलाने के लिए द्वितीयक कृषि (Secondary Agriculture) व्यवसाय जैसे मशरूम, मधुमख्खी पालन आदि की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होने कहा कि इन व्यवसायों से यदि हमारे युवा इन कार्यो से जूडे तो वे न केवल अच्छी आय प्राप्त कर सकते है अपितु वे रोजगार के अवसर पैदा कर देश कों बेरोजगारी की समस्या से निजात दिलवा सकते है। किसान भाई अपनी खेती के साथ-साथ इन नवाचारों को अपनाते हैं तो अपनी आय में अपेक्षित वृद्वि प्राप्त कर लागत को कम कर सकते है।
इस अवसर पर उन्होनें कृषि से जुडें वैज्ञानिको से भी आवहान किया कि वर्तमान में परम्परागत खेती के साथ-साथ किसान भाईयों के लिए खेती में नवीन तकनिकीयों को सम्मलित कर उनकी आय बढानें में मदद करें। जिससे कृषि के उत्पादों के निर्यात को बढावा मिले ताकि देष की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्राप्त हो सके। कुलपति महोदय ने विष्व मोटा अनाज (Miner millets) वर्ष के अवसर पर मोटे अनाज के उत्पादन एवं उपयोग पर भी बल दिया।इस अवसर पर राजस्थान के अग्रणी मशरूम उत्पादक श्री मोटाराम शर्मा ने प्रतिभागियों से आव्हान किया कि प्रशिक्षण के दौरान दिए गये ज्ञान को आत्मसात कर मशरूम की खेती को व्यवसायिक रूप से अपनावे जिससे कि कृषि में एक नया आयाम स्थापित हो सके।इस अवसर पर राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान दुर्गापुरा के निदेशक डॉ. अर्जुन सिंह बलोदा ने कहा कि यह संस्थान कृषि उत्पादन को बढाने हेतु नवीनतम प्रयोगों के साथ -साथ समसामयिक प्रषिक्षण आयोजित करता रहा है जिन्हें अपनाकर राज्य के कृषक लाभान्वित होते है।मशरूम तकनीकी प्रशिक्षण के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. प्रदीपसिंह शेखावत ने इस तीन दिवसीय कार्यक्रम की रूप रेखा से अवगत करवाया।