सरकारी तालाब के भीढे अतिक्रमण खाली कराने से कई परिवार प्रभावित
घर उजड़ने से बेचैन पीड़ित परिवार
लदनियां,
प्रखंड के कुमरखत पूर्वी पंचायत के महुलिया गांव में सरकारी पोखरा को अतिक्रमण मुक्त होने से कई परिवार के आशियाने उजड़ गये।अब ठंड के समय में बच्चों के साथ मुक्त आकाश के नीचे जीने को विवशता है। युगेश्वर साह की पत्नी श्यामा देवी को रोरोकर बुरा हाल है। उनका कहना है कि सरकारी पोखरा के भिंडा पर वर्षों पूर्व से घर बनाकर परिवार के साथ रह रहे थे। यह भूमि उनके पूर्वज के दखल में वर्षों से था।हमलोगों पास इसके अलावा घर बनाकर रहने योग्य जमीन नहीं है। आखिर अब कहां जाकर घर बनाए। ज्ञात हो कि हाई कोर्ट पटना में 2015 ई में ही राम पुनीत चौधरी ने रिट दायर किया।
जल-जीवन- हरियाली अभियान को सफल बनाने के लिए सरकारी तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराया जाय।सीओ लदनियां निशिथ नन्दन ने शुक्रवार को पुलिस की कड़ी सुरक्षा में हाई कोर्ट पटना के पारित फैसला के आलोक में लदनियां प्रखंड के कुमरखत पूर्वी पंचायत अंतर्गत महुलिया गांव में अतिक्रमित पोखरा एवं भिंडा को मुक्त कराया। अब सवाल उठता है कि सीओ ने हाई कोर्ट के फैसला को ससमय अनुपालन किया। जिस गरीब परिवार के आशियाने उजड़े। इस ठंड के समय में आखिर ये बच्चों के साथ कहां पनाह लेंगे। पूर्व पंचायत समिति सदस्य राम कुमार यादव,समाजसेवी सोनेलाल यादव एवं महेश साह का कहना है कि सरकार को गरीब के आशियाने उजाड़ने से पहले भूमिहीन को वासयोग्य भूमि का भी व्यवस्था करनी चाहिए थी। इतना ही नहीं प्रखंड क्षेत्र में दर्जनों पोखरा अतिक्रमण के शिकार हैं, वहां प्रशासन क्यों मौन है।