कालिदास में बसती है भारत की आत्मा-: डॉ.देवनारायण झा
उच्चैठ-कालिदास महोत्सव के दूसरे दिन विद्वत गोष्ठीमै विद्वानों की जमघट
मधुबनी
मोहन झा
कालिदास की समग्रता में दृष्टि रही है अनुकरणीय, कालिदास बनने के लिए कठिन साधना अपरिहार्य। उक्त बातें पर्यटन विभाग के सौजन्य से राजकीय उच्चैठ-कालिदास महोत्सव के दूसरे दिन विद्वत गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं संस्कृति भाषा साहित्य के मर्मज्ञ डॉ.देवनारायण झा ने कहीं। विषय प्रवेश के क्रम में बिहार सरकार के पूर्व मंत्री व विधायक विनोद नारायण झा ने उच्चैठ के साथ कालिदास की निरंतरता को रेखांकित करते हुए मिथिला में उस महाकवि पर गहन अनुसंधान की अवश्यकता पर बल दिया। साथ ही उन्होनें आयोजकों से विद्वत गोष्ठी में प्रस्तुत एवं अन्य श्रोतों से प्राप्त आलेखों को पुस्तकाकार करने का आग्रह किया।
इस अवसर डॉ.महेंद्र नारायण राम ने स्थानीय प्रशासन से कई दशकों पुर्व चिन्हित कालिदास की जन्मभूमि के संबंधित सरकारी अभिलेखों के आधार पर ठोस कार्य करने की अपील की। लोक भाषा प्रचार समिति के प्रांतीय अध्यक्ष प्रो.जयशंकर झा ने सर विलियम जॉन्स द्वारा पश्चिम को सर्वप्रथम कालिदास से अवगत कराने को एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए भारतवर्ष में उज्जैन के साथ साथ मिथिला में कालिदास पर शोध किए जाने पर बल दिया । साथ ही प्रो.झा ने बिहार सरकार से अपील की कि उज्जैन की तर्ज पर मिथिला कालिदास के नाम पर उच्च स्तरीय शोध संस्थान व कालिदास अकादमी की स्थापना की जाय। बिहार प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी सह वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रंगनाथ दिवाकर ने उच्चैठ को कालिदास की जन्मस्थली सिद्ध करने के लिए कई अकाट्य प्रमाण प्रस्तुत किए।
शास्त्रचूड़ामणि विद्वान डॉ.मित्रनाथ झा ने कालिदास के मेघदूत को अप्रतिम रचना बताते हुए उन्हें कवियों का मुकुटमणि कहा। साथ ही डॉ. झा ने प्रो.जयशंकर झा के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कालिदास पर केंद्रित संस्थाओं की स्थापना पर बल दिया। महावीर मंदिर न्यास समिति के प्रकाशन प्रबंधक तथा धर्मायान के संपादक पंडित भवनाथ झा ने कालिदास की टीकाओं में मिथिला के अवदान की विस्तार से चर्चा की। साहित्य अकादमी में मैथिली की पूर्व प्रतिनिधि डॉ.वीना ठाकुर कालिदास की रचनाओं के काव्य शास्त्री सौंदर्य पर विस्तृत प्रकाश डाला। दीप नारायण विद्यार्थी के संयोजकत्व में आयोजित इस उच्च स्तरीय अकादमिक कार्यक्रम को ऋषि वशिष्ठ तथा प्रो.संजीत कुमार झा ने संबोधित किया। डॉ.कमल मोहन चुन्नू के कुशल संचालन में आयोजित इस कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन बेनीपट्टी के प्रखंड विकास पदाधिकारी डॉ.रवि रंजन द्वारा किया गया। श्रेया एवं पीयूष के स्वागतगान से प्रारंभ हुए इस कार्यक्रम में आगत अतिथियों का स्वागत बेनीपट्टी के अनुमंडलाधिकारी अशोक कुमार मंडल द्वारा किया गया। मिथिला की परंपरा के अनुसार पाग, चादर व मोमेंटो से सम्मानित अतिथियों द्वारा समवेत रूप से दीप प्रज्वलन किया गया। दो दिवसीय उच्चैठ- कालिदास महोत्सव के दुसरे दिनउच्चैठ-कालिदास महोत्सव कालिदास विद्यापति साइंस कॉलेज बेनीपट्टी परिसर में आयोजित की गई है। प्रदेश के पर्यटन विभाग बिहार सरकार एवं जिला प्रशासन मधुबनी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजन किया गया है। कार्यक्रम आयोजित के मुख्य संरक्षक डीएम , एसडीओ, बीडीओ,सीओ बेनीपट्टी के द्वारा किया गया।