मिथिला राज्य के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ेगी एमएसयू – अभिनाश भारद्वाज
बैठक करते कार्यकर्ता
पटना
मधुबनी के जेएन कालेज में मिथिला राज्य की मांग को लेकर आगामी 4 दिसंबर को पटना में आहूत आंदोलन के संदर्भ में मिथिला स्टुडेंट यूनियन की बुधवार को बैठक हुई। मुख्य वक्ता एमएसयू के पुर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिनाश भारद्वाज ने कहा कि मिथिला के सर्वांगीन विकास हेतु मिथिला राज्य ही एकमात्र विकल्प है। उन्होंने कहा किभौगौलिक, आर्थिक, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से मिथिला के पास एक राज्य की सारी योग्यताएं हैं। दुर्भाग्य की बात है कि भारत की स्वतंत्रता के समय ही इसे राज्य का दर्जा प्रदान नहीं किया गया। परिणामस्वरूप स्वतंत्रता के पूर्व तथा बाद से कुछ वर्षों में जो इसका आर्थिक ढांचा था धीरे – धीरे वह भी नष्ट हो गया।
शोषण तथा उपेक्षा इतनी बढ़ती गई कि सारे उद्योग – धंधे समाप्त हो गए तथा उससे सम्बंधित कृषि का विनाश होता गया।उपस्थिति प्रदेश संगठन मंत्री विजय श्री टुन्ना ने कहा की प्रतिवर्ष बाढ़ एवं अकाल के तांडव तथा राजनेताओं के खोखले आश्वासन, छलावा एवं शोषण यहाँ की नियति बन गई। अतः अगर शोषण तथा विकास को आधार मानकर राज्यो का निर्माण होता रहा है तो भी मिथिला राज्य का निर्माण परमावश्यक एवं समयानुकूल है। राज्य स्थापना के बाद ही इस क्षेत्र के सर्वागीण विकास की बात सोची जा सकती है।
कृषि, उद्योग-धंधा, पर्यटन, शिक्षा एवं संस्कृति के विकास से ही इस क्षेत्र की दुर्दशा तथा बेरोजगारी का अंत हो सकता है तथा लोगों का पलायन रुक सकता है। निवर्तमान महासचिव गोपाल चौधरी ने कहा कि भाषा, लिपि, क्षेत्र, जनसंख्या और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के मानक पर खरा उतरते हुए मिथिला पूर्ण राज्य बनने का अधिकार रखता है। मिथिला के सर्वांगीण उन्नयन एवं अभ्युत्थान के लिए एक मात्र विकल्प मिथिला राज्य है।बैठक में जिला अध्यक्ष राघवेन्द्र रमण, मिथिलावादी नेता प्रवेश झा नगर अध्यक्ष मयंक विश्वास, कृष्णा मिश्रा केशव बाबा, मृत्युंजय, प्रियांशु शेखर, अविनाश सत्यपति, अजीत कुमार अभिजीत कुमार, सागर झा, बमबम जी, छात्र नेता आलोक कुमार आदर्श कुमार झा सहित दर्जनों संगठन के सेनानी उपस्थित हुए ।