दिपावाली पर बना शुभ योग, जानें गणेश-लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र:-डॉ के के ठाकुर
डॉ के के ठाकुर
दरभंगा
दीपावली आज कैसे करें पूजा अर्चना, मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेष मां सरस्वती की विधिवत पूजा करने का विधान है। इस दिन शुभ मुहूर्त पर पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। उक्त बातें डॉ के के ठाकुर ने बताया। डॉ ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त पूजा विधि मंत्र। पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि को दीपावली का पर्व मनाया जाता है। रोशनी का ये पर्व आज बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। माना जाता है कि दिवाली के दिन भगवान राम ने लंकापति रावण का वध करके अयोध्या वापस लौटे थे। उन्हीं के वापस आने की खुशी में पूरी आयोध्या को दीपकों से सजाया गया था। इसी कारण इसी दिन दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इसके साथ ही समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी इसी दिन प्रकट हुई थी। इसी कारण आज के दिन मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने का विधान है। दीपावली की शाम को पंचांग के अनुसार शुभ मुहूर्त में गणेश-लक्ष्मी पूजन करना शुभ माना जाता है। डॉक्टर की के ठाकुर ने बताते हैं गणेश- लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और आरती। योग अमावस्या तिथि प्रारम्भ – 24 अक्टूबर 22 को शाम 5 बजकर 27 मिनट से शुरू, अमावस्या तिथि समाप्त – 25 अक्टूबर 22 को शाम 4 बजकर 18 मिनट तक।अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:43 से दोपहर 12:28 मिनट तक।
करके जल अर्पित करें। इसके बाद फल, माला, मौली, जनेऊ, सिंदूर, कुमकुम, अक्षत आदि अर्पित करें। अब एक-एक पान में 2 लौंग, बाताशा, 1 सुपारी और 2 इलायची के साथ एक रुपए का सिक्का रखकर चढ़ादें। साथ ही मिठाई चढ़ा दें। भोग लगाने के बाद जल अर्पित करें और घी का दीपक जलाने के साथ 5 अन्य दीपक जलाएं और सभी के सामने रख दें। अब लक्ष्मी स्तुति, चालीसा और मंत्र का जाप करें। इसके बाद भगवान गणेश की आरती सहित अन्य आरती कर लें। अंत में आचमन करने के बाद भूलचूक के लिए माफी मांग लें। महालक्ष्मी की पूजा करने के बाद वाहन, बही खाता, तिजोरी, पुस्तक, बिजनेस संबंधी चीजों की पूजा कर लें और फिर पूरे घर को दीपक से सजा लें। दिवाली में माता लक्ष्मी का आगमन अपने घर में या व्यावसायिक प्रतिष्ठान में कराना चाहते हैं तो श्री सूक्त के ऋग्वैदिक श्री सूक्तम के प्रथम श्लोक को पढ़ना चाहिए।
ऊं हिरण्यवर्णान हरिणीं सुवर्ण रजत स्त्रजाम
चंद्रा हिरण्यमयी लक्ष्मी जातवेदो म आ वहः।।दिवाली पर मां लक्ष्मी पूजा मंत्र ॐ श्रीं श्रीयै नम: ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥ ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
कुबेर प्रार्थना मंत्र
धनदाय नमस्तुभ्यं निधिपद्माधिपाय च। भगवान् त्वत्प्रसादेन धनधान्यादिसम्पद:।।
महालक्ष्मी मंत्र
ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः।।
श्री लक्ष्मी बीज मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥
अर्घ्य मंत्र
क्षीरोदार्णवसम्भूते सुरासुरनमस्कृते।
सर्वदेवमये मातर्गृहाणार्घ्य नमो नम:।।
प्रार्थना मंत्र
सर्वमये देवि सर्वदेवैरलड्कृते।
मातर्ममाभिलाषितं सफलं कुरु नन्दिनी।।