डी.बी. कॉलेज, जयनगर में समग्र विकास और भारत विषयक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का समापन हुआ ।
डी.बी. कॉलेज में समग्र विकास पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन कार्यक्रम में उपस्थित
मधुबनी से मोहन झा
शनिवार को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की अनुषांगिक इकाई डी.बी. कॉलेज, जयनगर में समग्र विकास और भारत विषयक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का समापन हुआ ।
संगोष्ठी के तृतीय एवं चर्तुथ तकनीकि सत्र का शुभारंभ मुख्य अतिथी ओमान विश्वविद्यालय के युवा शिक्षाविद् डॉ शाद अहमद खान, मुख्य वक्ता डॉ. जी बी एस जौहरी, डॉ पुर्बाषा मंडल की आभाषी उपस्थिति में प्रधानाचार्य डॉ नंद कुमार, आयोजक डॉ एस के सिंह, डॉ कुमार सोनू शंकर की उपस्थिति में मां सरस्वती के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। तत्पश्चात् सह आयोजन सचिव डॉ. कुमार सोनू शंकर व आयोजक डॉ. शैलेश कुमार सिंह के द्वारा समस्त अतिथियों को पुष्प गुच्छ, अंगवस्त्र व प्रतीक चिन्ह भेट कर अभिनंदन किया गया।
द्वितीय तकनीकि सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ओमान विश्वविद्यालय, ओमान के युवा शिक्षाविद् डॉ शाद अहमद खान ने भारत को 2047 तक विश्व गुरु बनाने के लिए समाज के निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति को मजबूत करने की मांग उठाई। साथ ही उन्होंने महिलाओं की सामाजिक आर्थिक व राजनैतिक भागीदारी पर प्रमुखता से बल दिया। मुख्य वक्ता इंदिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के प्रो. जी. बी. एस. जौहरी ने विकसित भारत के लिए उच्च शिक्षा की वकालत करते हुए कहा कि, उच्च शिक्षा के बिना कोई भी राष्ट्र समग्र विकास के लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकता। विशिष्ट अतिथि नेताजी सुभाष चंद्र बोस महाविद्यालय, बांकुरा की युवा शिक्षाविद् से डॉ. पूर्वाशा मंडल ने कहा कि पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को श्रेष्ठ बनने की अत्यंत आवश्यकता है तभी जाकर वह अपनी उपयोगिता और श्रेष्ठता को साबित करने के साथ समग्र विकास की कल्पना को आयाम तक पहुंचा पाएंगे।आयोजक डॉ शैलेश कुमार सिंह ने प्रतिभागियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि, सम्मेलन में चार दर्जन से अधिक शोध पत्रों का वाचन प्रतिभागियों ने किया। आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि सम्मेलन से निकले हुवे निष्कर्ष 2047 तक भारत को समग्र और विकसित बनाने में अहम भूमिका अदा करेगा।
सत्र का संचालन करते हुए डॉ प्रियंका सिंह ने बताया कि तकनीकि सत्र में ओमान, यमन, नेपाल सहित भारत के विभिन्न राज्यों के शोधार्थी व शिक्षाविदों के द्वारा चार दर्जन से अधिक शोध पत्रों का वाचन किया गया।
इस अवसर पर डॉ एस के सिंह, प्रो. ए. के. सिंह व डॉ विकास कुमार सुधाकर द्वारा संपादित स्मारिका समग्र विकास : अवसर एवं चुनौतियां का विमोचन भी किया गया।
आयोजन सचिव डॉ रंजना ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभी अतिथियों व प्रतिभागियों के प्रति आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से डा नंद कुमार, डा बुद्धदेव प्रसाद सिंह, डॉ विकास कुमार सुधाकर, डॉ आनंद राज, डा शैलेश कुमार सिंह, डॉ मिन्हाजुद्दीन, डॉ तारकेश्वर राम, डॉ जमील हसन अंसारी, डॉ पुष्पा, डॉ प्रियंका सिंह, डॉ स्वेता, डा अनंतेश्वर यादव, डॉ रंजना, डॉ शिव कुमार पासवान, डा कुमार सोनू शंकर, डॉ स्वीटी सिंह, डॉ कोमल कुमारी सहित सैंकड़ों शोधार्थी व शिक्षाविद् उपास्थित रहें।