डी.बी. कॉलेज में समग्र विकास पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
मंच पर मौजूद उद्घाटन करते
मधुबनी
मोहन झा
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की अनुषांगिक इकाई डी.बी. कॉलेज, जयनगर में *समग्र विकास और 1947 में भारत विषयक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रो हरे कृष्ण सिंह के द्वारा मुख्य वक्ता महर्षि विश्वविद्यालय, लखनऊ के पूर्व कुलपति प्रो. एच. के. सिंह, विशिष्ट अतिथि डॉ पूनम झा (नेपाल), डा. कमलकान्त झा व प्रधानाचार्य डॉ नंद कुमार की गरिमामई उपस्थिति में मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलन कर किया गया। तत्पश्चात् आयोजक डॉ. शैलेश कुमार सिंह के द्वारा समस्त अतिथियों का माल्यार्पण के साथ अंगवस्त्रम व प्रतीक चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया।
उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो हरे कृष्ण सिंह* ने कहा कि, ग्रामीण युवाओं के उत्थान के बिना समग्र विकास की कल्पना असम्भव है।
शिक्षा, स्वास्थय और रोजगार के अवसरों को बढ़ाना बिना समग्र विकास की कल्पना असंभव : प्रो. एच.के. सिंह
मुख्य वक्ता काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षाविद् प्रो. एच. के. सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि, समग्र उत्थान के लिए शिक्षा स्वास्थ और रोजगार के अवसरों को बढ़ाना होगा। साथ ही महिलाओं को भी जागरूक होकर समान अवसर की प्राप्ति हेतु सतत प्रयास करना चाहिए। भारतवर्ष में महिलाओं के सम्मानजनक स्थिति की गौरवशाली परंपरा रही है फिर भी वर्तमान युग में उद्यमिता कौशल पर बल देना होगा जिससे कि वे रोजगार में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले सके।डॉ. कमल कांत झा ने समग्र विकास के लिए उच्च शिक्षा की वकालत करते हुए कहा कि, उच्च शिक्षा के बिना भारतवर्ष विश्व गुरु के लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकता । इस दौरान साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित महाविद्यालय के सेवानिवृत शिक्षक डॉ कमल कांत झा जी को अंगवस्त्रम व प्रतीक चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया।
ग्रामीण युवाओं के उत्थान के बिना सशक्त और समृद्ध भारत की कल्पना असम्भव : प्रो हरे कृष्णा सिंह
आयोजक डॉ शैलेश कुमार सिंह ने समग्र विकास और कौशल विकास पर बल देते हुए कहा कि, आधुनिक परिवेश में तकनीकि दक्षता के बिना सतत विकास की कल्पना असंभव है। अतः वर्तमान दौर में भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए युवाओं को तकनीकि दक्षता से परिपूर्ण करना होगा।
धन्यवाद ज्ञापित करते हुए डॉ अखिलेश कुमार श्रीवास्तव ने आए हुवे सभी अतिथियों व प्रतिभागियों के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से डा नंद कुमार, डा संजय कुमार पासवान, डॉ शशी भूषण प्रसाद, डॉ विकास कुमार सुधाकर, डॉ आनंद राज, डा रमण कुमार ठाकुर, डा शैलेश कुमार सिंह, डॉ मिन्हाजुद्दीन, डॉ जमील हसन अंसारी, डॉ पुष्पा, डॉ प्रियंका सिंह, डॉ स्वेता, डा बुद्धदेव प्रसाद सिंह, डॉ स्वीटी सिंह, डॉ कोमल कुमारी, डा अनंतेश्वर यादव, डॉ रंजना, डा मदन पासवान सहित सैंकड़ों शोधार्थी व शिक्षाविद् उपास्थित रहें।