बांग्लादेशी हिन्दू क्रिकेटर ने दुर्गा पूजा पर दी बधाई तो भड़के इस्लामिक कट्टरपंथी, धर्म परिवर्तन करने को कहा
ढाका, सितंबर 26: पैगंबर विवाद पर बवाल मचा देने वाले बांग्लादेशी कट्टरपंथी मुसलमान खुलेआम हिन्दू क्रिकेटर को धमका रहे हैं और धर्म परिवर्तन करने के लिए कह रहे हैं। ये वाकया बांग्लादेश के स्टार हिन्दू क्रिकेटर लिटन दास के साथ हुआ था, जिन्होंने महालया के मौके पर एक इंस्टाग्राम पोस्ट में बधाई दी है और उसके बाद बांग्लादेश के कट्टरपंथियों ने उन्हें निशाना बनाना शुरू कर दिया है। बांग्लादेश में इस्लामवादियों ने क्रिकेटर लिटन दास की हिंदू धार्मिक मान्यताओं को बदनाम किया और उन्हें इस्लाम में कन्वर्ट होने के लिए कहा। इस्लामिक कट्टरपंथियों ने लिटन दास के पोस्ट पर जमकर अनाप-शनाप बातें लिखी हैं।
अपने फेसबुक पोस्ट में बांग्लादेशी बल्लेबाज ने देवी दुर्गा की एक मूर्ति की तस्वीर को शेयर किया था और कैप्शन में लिखा था कि, “सुभो महालय! मां दुर्गा आ रही हैं।” इसके तुरंत बाद, इस्लामवादी उनकी टाइमलाइन पर उतर आए और लिटन दास को हिंदू धर्म के अनुयायी होने के लिए गालियां देनी शुरू कर दी। उल्लेखनीय है कि, मान्यताओं के अनुसार, महालय कैलाश पर्वत से देवी दुर्गा के पृथ्वी पर आगमन का प्रतीक है। उनके पोस्ट पर इस्लामवादियों ने मूर्ति पूजा की निंदा की और हिंदू देवता को ‘मिट्टी से बनी’ वस्तु के रूप में मज़ाक उड़ाया। ये इस्लामवादी, जो धार्मिक वर्चस्व की अपनी काल्पनिक दुनिया में रहते हैं, उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की, कि लिटन दास ‘एक सच्चे विश्वास’ उर्फ इस्लाम में परिवर्तित हो जाएंगे।
इमरोल नाम के एक यूजर ने लिटन दास और हिन्दू धर्म का अपमान करते हुए लिखा कि, “दुनिया का सबसे अच्छा धर्म इस्लाम है”, वहीं, मियाद ने लिखा कि, “अल्लाह सभी को मार्गदर्शन प्रदान करे, और उन्हें सही रास्ता (इस्लाम) खोजने के लिए ज्ञान दे।” वहीं, इस्लामवादी एन फिरदौस जमान ने टिप्पणी करते हुए लिखा कि, “इस्लाम के अलावा किसी भी धर्म का पृथ्वी पर कोई मूल्य नहीं है।” एक अन्य धर्मांध ने लिखा कि, “आप लोगों को समझना चाहिए कि मिट्टी से बनी ये मूर्तियां कोई काम नहीं करेंगी। क्योंकि ये मूर्तियाँ अर्थहीन हैं। इसलिए तुम्हें अपने रचयिता अल्लाह पर ईमान लाना चाहिए।”
हिन्दू धर्म का उड़ाया मजाक वहीं, एक यूजर केआर तुरान ने लिखा कि, “ये पत्थर की मूर्तियां किसी के लिए पवित्र नहीं हो सकतीं। कोई भी व्यक्ति पत्थर में खुदी हुई मूर्ति की पूजा नहीं करेगा। मैं इस्लाम की तह में आपका स्वागत करता हूं। सही रास्ते पर आओ।” वहीं, एक यूजर मोहम्मद अब्दुल लोतीफ ने आशा व्यक्त करते हुए लिखा कि, अल्लाह इस्लाम के ‘सही रास्ते’ पर चलने के लिए सभी को मार्गदर्शन प्रदान करता है”। जाहिर है, इस प्रकार इस्लामवादियों की टिप्पणियों से हिंदू धर्म और मूर्तिपूजा करने वालों की प्रथाओं के प्रति घृणा का भाव स्पष्ट होता है। वहीं, आपको बता दें कि, पिछले साल दुर्गा पूजा में कट्टरपंथियों ने बांग्लादेश में भारी उत्पात मचाया था और कई पंडालों में तोड़फोड़ की थी। इसके साथ ही कट्टरपंथियों ने कई और मंदिरों में तोड़फोड़ की थी।