दीप्ति शर्मा : हमने जो किया वह खेल के नियमों और दिशा-निर्देशों के तहत ही किया
नई दिल्ली: शनिवार को भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे वनडे में मेजबानों की हार के बीच दीप्ति शर्मा का “मानकड” से आउट करने पर अभी शोर थमा नहीं है. दुनिया के पुरुष दिग्गजों के अलग-अलग बयान और सोशल मीडिया पर इसका शोर अभी भी जारी है. इसी बीच अब दीप्ति शर्मा (Deepti Sharma) ने इस घटना पर पहली बार मुंह खोलते हुए मामले की सच्चाई को बयां किया है. दीप्ति ने इंग्लैंड की बल्लेबाजी के दौरान 44वें ओवर के दौरान घटी घटना पर एक वेबसाइट से बातचीत में कहा कि हमने उन्हें योजनाबद्ध तरीके से आउट किया. हमने डीन को पहले कई बार इस बाबत चेतावनी दी थी. और जब वह नहीं मानीं, तो हमने उन्हें इस तरीके से आउट करने का फैसला किया. भारतीय खिलाड़ी ने कहा कि हमने जो किया वह खेल के नियमों और दिशा-निर्देशों के तहत ही किया. हमने अंपायरों को भी बताया था, लेकिन कार्लोट्टे डीन फिर भी बाज नहीं आयीं.
इससे पहले भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने भी दीप्ति का समर्थन करते हुए ऑफिशियल ब्रॉडकास्टर स्काई न्यूज के एंकर को करारा जवाब देते हुए कहा था कि दीप्ति ने कोई अपराध नहीं किया था. इंग्लैंड की जमीन पर 23 साल बाद सीरीज जीतने वाली भारतीय टीम की कप्तान ने कहा कि आज हमने जो कुछ भी किया, मैं सोचती हूं कि वह कोई अपराध नहीं था. यह खेल का हिस्सा और आईसीसी के नियम में शामिल है. मुझे लगता है कि हमें अपने खिलाड़ियों का समर्थन करने की जरूरत है. हरमन ने कहा कि वास्तव में मैं बहुत ही खुश हूं कि दीप्ति इसको लेकर जागरूक थीं. इंग्लिश बल्लेबाज बहुत ज्यादा बाहर निकल जा रही थीं. मुझे नहीं लगता कि दीप्ति ने कुछ भी गलत किया है
बता दें कि नॉन-स्ट्राइकर के बॉल फेंकने से पहले ही क्रीज से बाहर निकालने पर क्रिकेट इतिहास का पहला आउट साल 1947-48 में वीनू मांकड ने किया था. तब उन्होंने ऑस्ट्रेलिाई बिल ब्राउन को गेंदबाजी छोर पर आउट किया था. इसके बाद से इस तरीके से आउट करना “माकंडिग” के नाम से महशूर हो गया था. हालांकि, एक वर्ग यही चिल्लाता रहा है कि यह खेल भावना के खिलाफ है, लेकिन नियमों के हिसाब से यह एकदम सही है.