शारदीय नवरात्र को लेकर सजधज कर तैयार है उच्चैठ भगवती स्थान
शारदीय नवरात्रा को लेकर भगवती मंदिरों में श्रद्धालुओं की चहल-पहल बढ़ने लगी है। 26 सितंबर को मां भगवती के प्रथम पूजा आरंभ हो रही है। जिसमें देब मंत्रों और आस्था के साथ कलश स्थापना की जाएगी। जिसकी तैयारी देव मंदिरों में जोर शोर से हो रही है। मधुबनी जिले के करीब दो दर्जन से अधिक मां भगवती का महत्वपूर्ण और इतिहासिक मंदिर है ।जहां शारदीय नवरात्र में उत्सव के रूप में भगवती पूजा अर्चना करने के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ होती है। जिसमें बेनीपट्टी मुख्यालय से 5 किलोमीटर पश्चिम उत्तर कोने पर अवस्थित छिन्नमस्तिका मां भगवती उच्चैठ वासनी की मंदिर सिद्ध पीठ के रूप में विख्यात हैं।
जहां पूरे वर्ष श्रद्धालुओं की भीड़ होती रहती है। लेकिन शारदीय नवरात्र में लाखों की भीड़ होती है । यहां अष्टमी के दिन बेनीपट्टी प्रखंड के बसैठ चांदपुरा गांव से करीब 500 से अधिक छागर प्रत्येक घर से मांता के रूप में आती है और भगवती मंदिर की काली मंदिर में बलि प्रदान किया जाता है । जिसे देखने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है । वैसे नवरात्रा में प्रत्येक दिन सैकड़ों छागर की बलि प्रधान की जाती रही है। यहां मांता है कि भगवती की श्रद्धा पूर्वक पूजा अर्चना श्रद्धालु करते हैं तो उनके मनकी कामनाएं पूर्ण होती है यह प्राचीन काल से विख्यात है कहते हैं कि इसी देवी की पूजा मूर्ख कलुआ ने की तो आशीर्वाद प्राप्त होने से विश्व विख्यात विद्वान कालिदास बन गए। इस देव मंदिर में कई प्राचीन इतिहास साक्षी है जब भगवान राम अपने गुरु विश्वामित्र के साथ जनकपुर सीता स्वयंवर में जा रहे थे तो गुरु के साथ चारों भाइयों ने उक्त देवी का दर्शन और पूजा अर्चना किए थे।
देश के सैकड़ों ऋषि-मुनियों ने इस उच्चैठ छिन्नमस्तिका भगवती के दर्शन किए हैं। इसका इतिहास साक्षी है आज भी दर्जनों ऋषि मुनियों का प्रतिमा भगवती स्थान के परिसर में लगाया जा चुका है जो इतिहास का साक्षी माना जा रहा है। मधुबनी के जिला प्रशासन जिला अधिकारी अरविंद कुमार वर्मा और आरक्षी अधीक्षक सुशील कुमार के नेतृत्व में विधि व्यवस्था मजबूत की गई है। स्थानीय अनुमंडल पदाधिकारी अशोक मंडल अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अरुण कुमार सिंह प्रखंड विकास पदाधिकारी डॉ रवि रंजन अंचलाधिकारी पल्लवी गुप्ता ने मंदिर के पंडा परिवारों से मिलकर विधि व्यवस्था के लिए शांति समिति की बैठक कर श्रद्धालुओं के लिए सभी सुख सुविधा उपलब्ध कराने और पूजा अर्चना में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो इसको लेकर बैठक की गई है।