अधिवक्ता संजय मिश्रा ने आगामी विधानसभा चुनाव में बिस्फी विधानसभा से बतौर महागठबंधन के संभावित प्रत्याशी के तौर पर अपनी उम्मीदवारी का घोषणा किया

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पत्रकारों को जानकारी देते संजय मिश्रा
मधुबनी
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। चुनावी मैदान में दमखम दिखाने वाले संभावित प्रत्याशियों की ओर से तैयारी भी प्रारंभ कर दी गई है। जमीनी स्तर से जुड़े विभिन्न राजनीतिक दलों के संभावित प्रत्याशियों की ओर से भी जोर आजमाइश प्रारंभ कर दी गई है। इसी कड़ी में सोमवार को बाबा कपिलशेवरनाथ महादेव मंदिर से महागठबंधन सह कांग्रेस के वरीय नेता अधिवक्ता संजय मिश्रा ने आगामी विधानसभा चुनाव में बिस्फी विधानसभा से बतौर महागठबंधन के संभावित प्रत्याशी के तौर पर अपनी उम्मीदवारी का घोषणा किया। उक्त मौके पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि बिस्फी विधानसभा प्रारंभ से ही सीपीआई और कांग्रेस की कर्मस्थली रही है। बीच के कुछ वर्षों में राजनीतिक स्वार्थ से वशीभूत होकर इसे राजद की झोली में दे दिया गया। इसके साथ ही बिस्फी में चुनाव जीतने के लिए प्रत्याशियों की ओर से सांप्रदायिक उन्माद फैलाए जाने लगा। इसका परिणाम यह हुआ कि हमेशा से आपसी सद्भाव बनाकर रहने वाली बिस्फी विधानसभा की जनता दो ध्रुवों में बंटने लगे। इनके दिमाग में ऐसे नेताओं की ओर से हिंदू मुस्लिम का सांप्रदायिक जहर इस तरह से घोला गया कि लोग दो ध्रुवों में बट गए। इस बीच विकास की बात पूरी तरह से गौण हो गई। वर्तमान में बिस्फी विधानसभा जिले के सभी 10 विधानसभा में विकास के दृष्टिकोण से सबसे पीछे है। चुनाव जीतने वाले राजनीतिक आकाओं ने कभी खुलकर क्षेत्र की विकास की बाते नहीं की। विकास की असीम संभावनाओं के बीच भी बिस्फी विकास से कोसों दूर रहा। यहां तक कि कवि-कोकिल महाकवि विद्यापति के जन्मस्थली के नाम पर भी किसी ने विकास की कोई पहल नहीं की। अब तक यह दुर्भाग्य है कि विद्यापति के नाम से ख्याति प्राप्त करने वाले इस विधानसभा में विद्यापति के नाम से एक स्कूल, कॉलेज तक नहीं खुल पाया है। साथ ही उद्घोषणा करते हुए कहा कि यदि बिस्फी विधानसभा क्षेत्र से महागठबंधन की ओर से सीपीआई अथवा कांग्रेस की उम्मीदवारी दी जाती है तो मैं ऐसे प्रत्याशियों का पुरजोर समर्थन करूंगा। वहीं यदि यह सीट राजद की झोली में जाएगा तो मैं बतौर निर्दलीय प्रत्याशी नामांकन करूंगा। कारण बिस्फी के आम आवाम विकास के लिए पूरी तरह से परिवर्तन के मूड में है। किसी भी परिस्थिति में सांप्रदायिकता को आधार बनाकर चुनाव जीतने वाले लोगों के मंसूबे को कामयाब होने नहीं दिया जाएगा। मौके पर रहिका के पूर्व प्रमुख जटाधार पासवान, बिस्फी मुखिया संघ अध्यक्ष गंगा नाथ झा, छोटे पंजीयर पूर्व पंचायत समिति सह पूर्व मुखिया तीसी नरसम, वरीय अधिवक्ता संजय झा उर्फ छोटू, पूर्व एनएसयूआई अध्यक्ष शैवाल सिंह, मनोज मिश्र, मो मुआज, अंचल झा, प्रत्यूष कुमार सहित अन्य मौजूद रहे।

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