मिथिला महोत्सव को केक काटकर एवं गुब्बारा गुच्छ हवा में उड़ाकर औपचारिक शुभारंभ किया डीएम, एसपी

उद्घाटन कार्यक्रम में उपस्थित डीएम एसपी
मधुबनी
मोहन झा
दो दिवसीय मिथिला महोत्सव का डीएम अरविन्द कुमार वर्मा एवं पुलिस अधीक्षक ने केक काटकर एवं गुब्बारा गुच्छ हवा में उड़ाकर औपचारिक शुभारंभ किया। इसके उपरांत जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने मिथिला की संस्कृति एवं धरोहरों को प्रदर्शित करती स्टॉल का भी निरीक्षण किया।

मखाना एवं मखाना से संबंधित उत्पाद,खादी एवं खादी से संबंधित उत्पाद,हथकरघा ,हस्तशिल्प,सिक्की आर्टसिक्की से संबंधित उत्पाद मिथिला पेंटिंग एवं चित्रकला संस्थान,टेराकोटा स्थानीय बाद्य यंत्र लिट्टी चौखा,भंसा घर, स्थानीय खान-पान एवं मिठाई पंजीकार,गुरुकुल राम सीता प्रथम मिलन स्थल, फुलहर के साथ साथ विकसित बिहार को प्रदर्शित करती सैंड आर्ट,फन जोन आदि से संबंधित स्टॉल लोगो के आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी। दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्कूली बच्चों एवं स्थानीय कलाकारों ने अपन गीत-संगीत,नृत्य ,नाटक के माध्यम से सबका मन मोहा।मिथिला पाग के नए रूप का प्रमोचन (लॉन्च)आज मिथिला महोत्सव के शुभ अवसर पर जिला प्रशासन व भारत सरकार वस्त्र मंत्रालय,

कार्यालय विकास आयुक्त( हस्तशिल्प )हस्तशिल्प सेवा केंद्र मधुबनी के सहयोग से ग्रामीण शिल्पियों द्वारा निर्मित मिथिला पाग का नए रूप में लॉन्च किया गया । यह पाग मिथिला की परंपरा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है इसकी विशेषता यह है कि यह कपड़े से तैयार की गई है और इसके ऊपर मधुबनी पेंटिंग किया गया है। हिमाचल की टोपी की तरह इसे 24 घंटे लोग पहन सकते हैं और यह सभी साइज में उपलब्ध है । पूर्व में देखें तो पारंपरिक मिथिला पाग पहनने के बाद सर से गिर भी जाता था,

परंतु यह पाग सभी साइज में होने के कारण लोगों के सर में बेहतर तरीके से बैठ जाता है और अपनी मिथिला परंपरा को सुशोभित करता है ,साथ ही इसमें उपयोग होने वाली वस्तुएं कलर शरीर पर भी नहीं लगता है जबकि पूर्व में तैयार होने वाले पाग जब पहनते हैं और पसीना निकलता है तो वह कलर व गोंद चेहरे पर भी लग जाता है । इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए इस पारंपरिक मिथिला पाग को नए लुक में प्रस्तुत किया गया है जिसका लोकार्पण आज जिला प्रशासन मधुबनी एवं हस्तशिल्प सेवा केंद्र मधुबनी के सहयोग से किया गया।अब यह आम लोगों के लिए उपलब्ध होगा। जिसे लोग ज्यादा से ज्यादा पसंद करेंगे, साथ ही, इस क्षेत्र में काम करने वाले शिल्पियों को रोजगार का नया साधन भी प्राप्त होगा।

जिससे लोगों की आय में भी बढ़ोतरी होगी ।सबों ने इस नई पहल को सराहा एवं जिले व प्रदेश में होने वाले आगामी आयोजनों में इसका उपयोग करने का आह्वान किया गया। इस अवसर पर डीडीसी दीपेश कुमार, नगर आयुक्त अनिल चौधरी,एसडीओ अश्वनी कुमार, डीपीआरओ परिमल कुमार, सहित कई वरीय अधिकारी उपस्थित थे।