मकर संक्रान्ति महोत्सव का आयोजन, कलाकारों ने श्रोताओं धुनों का अमृतपान करते रहें
दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन करते
कार्यक्रम प्रस्तुत करते कलाकार
मधुबनी
मोहन झा
मकर संक्रांति के सुअवसर पर मिथिला चित्रकला संस्थान सौराठ, मधुबनी में कला संस्कृति एवं युवा विभाग एवं जिला प्रशासन मधुबनी के संयुक्त तत्वावधान में मकर संक्रान्ति महोत्सव का आयोजन किया गया। उक्त आयोजन शास्त्रीय संगीत , नृत्य , नाटक और शास्त्रीय संगीत से जुड़े वाद्ययंत्रों पर आधारित था। जिसमें तबला वादक आशुतोष मिश्रा,संगतकर्ता हारमोनियम पर वैष्णवी मिश्रा, सितार वादक सर्वोत्तम मिश्रा, वायलिन जुगलबंदी अभीश्री, बांसुरी वादक संगम दास, शास्त्रीय गायन श्रुति मौसम, संगतकर्ता पंडित रविशंकर मिश्रा, वायलिन वादक अजीत महतो,ऑडिसी नृत्य नेहा कुमारी और अंत में इप्टा मधुबनी के द्वारा महाकवि का महाप्रयाण नाटक का मंचन हुआ। इसके निर्देशक रंजीत राय, प्रभात कुमार और रमेश कुमार संयुक्त रूप से थे।
आयोजन के प्रारंभ में जिला एवं संस्कृति पदाधिकारी नीतीश कुमार और संस्थान के निदेशक द्वारा आगत अतिथि कलाकारों का स्वागत किया गया। इसके पश्चात दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई। कार्यक्रम में राग- मधुवंती, राग- यमन, राग -चौकसी, राग- शुद्ध सारंग, ठुमरी, एकताल, मध्यलय, बंदिश, तीनताल, झाला, जुगलबंदी, तिहाई, जय- जय भैरवी, शिव कैलाशो के वासी, जादू भरे नैन जैसे-जैसे रागों, तालों और धुन की बारिश होती रही और इस बीच दर्शक इन रागों, धुनों का अमृतपान करते रहें । अंत में रंजीत राय, रमेश कुमार, प्रभात कुमार के द्वारा निर्देशित महाकवि का महाप्रयाण नाटक ने दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम में आए वरिष्ठ कलाकारों और दर्शकों ने इस तरह के कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित करने का अनुरोध किया । उक्त अवसर पर ज़िला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी नीतीश कुमार , मिथिला चित्रकला संस्थान के निदेशक श्री वीरेंद्र प्रसाद, पद्मश्री बौआ देवी, पद्मश्री दुलारी देवी, डॉ॰ रानी झा, प्रतीक प्रभाकर, संजय जयसवाल, इन्द्रभूषण रमन, अनिल मिश्रा, महेंद्र कर्ण, सुरेंद्र प्रसाद यादव, जटाधर पासवान सहित कार्यालय के सभी कर्मचारी व मिथिला चित्रकला संस्थान के सभी छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थें। इस पूरे कार्यक्रम के बीच मंच संचालन का कार्यभार दुर्गेश मंडल ने संभाला।