संस्कृत विद्वानों ने सांसद संजय झा को अड़रिया आवास पर किया सम्मानित.
*मिथिला की सांस्कृतिक चेतना का केन्द्र है शोध संस्थान ।*
*शोध संस्थान के पुनरुद्धार से समृद्ध होगी मिथिला की ज्ञान परम्परा।*
*पांडुलिपियों में निहित है भारतीय ज्ञान का वैभव।*
*सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने से मिथिला को मिलेगी नई पहचान।*
सम्मानित होते राज्यसभा सदस्य संजय कुमार झा
मधुबनी
मोहन झा
मिथिला संस्कृत स्नातकोत्तर अध्ययन एवं शोध संस्थान, दरभंगा का पुनरुद्धार मिथिला की संस्कृति, अध्ययन परम्परा एवं शोध प्रवृत्ति को बढ़ाने हेतु अत्यंत आवश्यक कार्य है। शोध संस्थान एक संस्थान मात्र नहीं अपितु मिथिला की सांस्कृतिक चेतना का केन्द्र है। इसके विकास से ज्ञान के एक विशिष्ट केन्द्र के रूप में मिथिला को पुन: प्राचीन गौरवशाली परम्परा के रूप में स्वयं को स्थापित करने का अवसर मिलेगा। उक्त बातें सी.एम.कॉलेज, दरभंगा के संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ.संजीत कुमार झा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शोध संस्थान के पुनरुद्धार की घोषणा करने पर उनके प्रति आभार आभार व्यक्त करते हुए कही। दरभंगा से आए संस्कृत विद्वानों की एक टोली ने राज्यसभा के सांसद संजय कुमार झा के अररिया आवास पर पहुंचकर उनका मिथिला की परम्परा से स्वागत करते हुए स्वस्तिवाचनपूर्वक अभिनंदन किया। इस अवसर पर संस्कृत विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर साहित्य विभाग के प्राध्यापक डॉ.संतोष पासवान ने कहा कि पाण्डुलिपियों के संरक्षण एवं अध्ययन से उसमें अवस्थित ज्ञान के अनछुए पहलुओं को संसार के सामने स्थापित करने का सुनहरा मौका मिलेगा। मीमांसा,वेदांत,न्याय,सांख्य व्याकरण आदि शास्त्रों के अध्ययन अध्यापन तथा पांडुलिपियों पर शोध की नई परम्परा विकसित होगी। वर्षों से शोध संस्थान के विकास के लिए प्रतिबद्ध कला संस्कृति एवं युवा विभाग के राज्य परामर्शदात्री सदस्य उज्ज्वल कुमार ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 की योजना में मिथिला की ज्ञान परम्परा का उल्लेखनीय योगदान होगा। साथ ही श्री कुमार ने कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में भी संग्रहित लगभग 6,000 प्राचीन व दुर्लभ पांडुलिपियों के संबंध में राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा को अवगत कराया। डॉ.सोमेश्वरनाथ झा दधीचि द्वारा प्रस्तुत वैदिक मंगलाचरण से प्रारंभ हुए इस अभिनंदन समारोह में माँ श्यामा मन्दिर न्यास समिति के सदस्य डॉ.संतोष पासवान द्वारा माननीय सांसद को माँ के आशीर्वाद स्वरूप माँ की चुनरी तथा श्यामा संदेश स्मारिका भेंट की गई। मौके पर डॉ.संजीत झा सरस ने स्वरचित अभिनंदन पत्र का वाचन कर राज्यसभा सांसद को समर्पित किया। अभिनन्दन से गदगद सांसद महोदय ने शोध संस्थान को पूर्ण रूप से विकसित करने के लिये अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को दुहराते हुए माननीय मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया। मिथिला शोध संस्थान के विकास को मुख्यमंत्री के एजेंडे में शामिल किए जाने हेतु संस्कृत जगत एवं शिक्षा से जुड़े संदीप विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.समीर वर्मा,शोध संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ.देवनारायण यादव,पूर्व पांडुलिपि विभागाध्यक्ष डॉ.मित्रनाथ झा,प्रकाशचंद्र झा,डॉ.संत कुमार चौधरी,प्रो.जयशंकर झा, डॉ.शिवकिशोर राय,डॉ.विनय कुमार मिश्र,डॉ.विनोदानंद झा, प्रो.मुकेश प्रसाद निराला, समाजसेवी गौतम झा,डॉ.रामसेवक झा,डॉ.राम प्रवेश पासवान,डॉ.आर.आर.प्रसाद,डॉ. सुमित कुमार मंडन,डॉ.अंजू अग्रवाल, डॉ.राजेश्वर पासवान,अभय कुमार कश्यप आदि ने माननीय राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा को साधुवाद दिया है।