भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की 100वीं जयंती के अवसर पर व्याख्यानमाला का हुआ आयोजन
कार्यक्रम का उद्घाटन करते विद्वान
मधुबनी
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की 100वीं जयंती के अवसर पर मिथिला चित्रकला संस्थान, सौराठ, मधुबनी में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, शिक्षा विभाग, बिहार सरकार एवं जिला प्रशासन, मधुबनी के संयुक्त तत्वावधान में व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। उक्त आयोजन के अवसर पर बी आर आंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के राजनीतिशास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष, विनोद चंद्र झा, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा, के राजनीतिशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष, मुनेश्वर यादव, जे एम डी पी एल महिला कॉलेज मधुबनी के पूर्व प्राचार्य, यू एन तिवारी, राम कृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी के इतिहास विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष नरेंद्र नारायण सिंह “निराला”, राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित शिक्षिका चंदना दत्त, राम कृष्ण महाविद्यालय के राजनीतिशास्त्र के व्याख्याता सुनील कुमार सुमन, जे एम डी पी एल महिला कॉलेज के इतिहास विभाग के व्याख्याता शिवकुमार पासवान ने इस दौरान अटल जी के व्यक्तित्व विभिन्न आयामों पर अपने अपने विचार व्यक्त किए। आयोजन के प्रारंभ में जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी नीतीश कुमार द्वारा आगत अतिथियों का स्वागत किया गया। अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रो निराला ने अटल जी के विराट व्यक्तित्व की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज और आने वाले कल में भी वाजपेयी जी के राजनैतिक सूझ बूझ की जरूरत बनी रहेगी। प्रो मुनेश्वर यादव ने कहा कि विरले ही अटल जी जैसे ऐसे नेता हुए हैं, जिन्होंने इतिहास की धारा मोड़ दी हो। 13 दिन और 13 महीने के बाद पूरे 5 साल के लिए प्रधानमंत्री पद को सुशोभित करना चुनौतीपूर्ण कार्य था। उन्होंने व्यापार, तकनीक और कनेक्टिविटी के बल पर देश के उत्थान में अटल जी के कार्य को याद किया। प्रो उदय नारायण तिवारी ने उनकी उदार छवि की चर्चा की। श्रीमती चंदना दत्त ने मिथिला और मैथिली के लिए उनके प्रयास की मैथिली में संबोधित कर रेखांकित किया। शिव कुमार पासवान ने दल से ऊपर की उनकी राजनीतिक हैसियत पर प्रकाश डाला। सुनील कुमार सुमन ने अटल जी के गरिमापूर्ण भाषण शैली को याद किया। व्याख्यानमाला के सूत्रधार के रूप में डॉ अभिषेक कुमार ने अटल बिहारी वाजपेयी जी के प्रखर व्यक्तित्व व्यक्तित्व के विभिन्न आयामों की चर्चा की। उक्त अवसर पर डॉ रानी झा, आभा झा, इटली से आई शोधकर्ता एनरिका स्टूची, आभा झा, अंजना झा, सुनयना झा, कुमार अभिषेक, दुर्गेश मंडल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।