किसानों को कृषि के साथ-साथ पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, बकरी पालन के साथ समेकित कृषि प्रणाली अपनाने हेतु प्रेरित किया जाए,::–जिलाधिकारी
कार्यक्रम को उद्घाटन करते डीएम
मधुबनी
रबी महाभियान 2024 के अंतर्गत जिला स्तरीय रबी कर्मशाला- सह – प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) के तत्वाधान में जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रांगण में अवस्थित बहुउद्देशीय भवन में आयोजित किया गया । कार्यक्रम का उद्घाटन जिला पदाधिकारी , अरविंद कुमार वर्मा तथा निदेशक, बसोका, कृषि विभाग, बिहार सनत कुमार जयपुरियार, जिला कृषि पदाधिकारी ललन कुमार चौधरी एवं कृषि तथा कृषि से संबद्ध जिला स्तरीय पदाधिकारियों के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी ने कहा कि “यह कार्यशाला जिले के किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित होगी। रबी फसलों के बेहतर उत्पादन से न केवल उनकी आय में वृद्धि होगी बल्कि उन्हें उन्नत तकनीक की भी जानकारी प्राप्त होगी।” उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को तकनीकी जानकारी और संसाधनों तक पहुंच प्रदान करके उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा सकता है। इस कार्यशाला में काफी संख्या में किसानों ने भी हिस्सा लिया, जिन्होंने कार्यशाला में सीखे गए नवाचारों और तकनीकों के प्रति अपनी रुचि दिखाई और उन्हें अपने खेतों में अपनाने का संकल्प लिया। ।इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को रबी सीजन की उन्नत खेती तकनीकों और कृषि प्रथाओं के बारे में जानकारी देना है ताकि वे अपनी उपज और आय को बढ़ा सकें। रबी महाभियान की शुरुआत विभाग से प्राप्त लक्ष्य की उपलब्धि को जिले में सुनिश्चित करने हेतु प्रखंड एवं पंचायत स्तरीय कर्मियों को कार्ययोजना से अवगत कराने के लिए आयोजित किया जाता है। जिला पदाधिकारी ने कृषि विभाग के सभी पदाधिकारी एवं कर्मियों को निर्देश दिया कि किसानों को कृषि के साथ-साथ पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, बकरी पालन के साथ समेकित कृषि प्रणाली अपनाने हेतु प्रेरित किया जाए ,जिससे किसानों के आमदनी बढ़ेगी और किसान सफल और समृद्ध होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि किसानों को अब धान, गेहूं का उत्पादन के साथ-साथ मक्का उत्पादन पर भी जोर देना चाहिए क्योंकि मक्का उत्पादन ज्यादा मात्रा में होता है जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी साथ ही साथ किसानों को फसल विविधीकरण की ओर भी आगे बढ़ना पड़ेगा एवं जलवायु परिवर्तन के परिपेक्ष में खेती के स्वरूप को बदलना होगा, जिससे आगे आने वाले दिनों में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने में आसानी होगी । *जिला पदाधिकारी ने कृषि विभाग के सभी पदाधिकारी एवं कर्मियों को निर्देश दिया धान अधिप्राप्ति की शुरुआत 1 नवंबर से हो चुकी है अतः सभी पंचायत के कर्मी अपने-अपने पंचायत से किसानों को सहकारिता विभाग के पोर्टल पर निबंधन कर कर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की बिक्री करना सुनिश्चित करेंगे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निदेशक , बसोका, बिहार सनत कुमार जयपुरिया के द्वारा बताया गया कि किसानों को अब जैविक खेती की ओर अग्रसर होना पड़ेगा । रासायनिक खाद का उपयोग कम करते हुए जैविक खाद का उपयोग को अपने खेतों में बढ़ाना है जिससे हमारा पर्यावरण सही रहेगा और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को काम किया जा सकता है ।उन्होंने यह भी बताया कि सभी कृषि समन्वयक सह उर्वरक निरीक्षक अपने-अपने पंचायत से उर्वरक* का एक-एक नमूना भेजना सुनिश्चित करें जिससे किसानों को गुणवत्तापूर्ण उर्वरक की प्राप्ति हो सके । उन्होंने यह भी बताया कि सरकार के द्वारा इस मौसम में प्रमाणित बीज उत्पादन हेतु 400 हेक्टेयर में लक्ष्य रखा गया है जो जिले के खजौली ,जयनगर और बासोपट्टी प्रखंड में क्रियान्वित की जा रही है इस योजना के अंतर्गत किसानों के द्वारा उत्पादित प्रमाणित बीज को बिहार राज बीज निगम के द्वारा क्रय किया जाएगा एवं किसानों को उचित राशि उपलब्ध कराई जाएगी। जिला कृषि पदाधिकारी श्री ललन कुमार चौधरी ने विभागीय सभी पदाधिकारी एवं कर्मियों को विभागीय लक्ष्य से अवगत कराया तथा उन्होंने यह भी बताया कि जैविक खेती प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत पक्का बर्मी बेड निर्माण हेतु आवेदन कृषि विभाग के पोर्टल पर शुरू हो गया है ,अतः किसानों के बीच व्यापक प्रचार प्रसार करते हुए किसानों से आवेदन करना सुनिश्चित करेंगे । उन्होंने जोड़ देते हुए बताया कि किसानों को मक्का उत्पादन हेतु प्रेरित करें ताकि गेहूं के साथ-साथ किसान भाई अपने खेतों में रबी मक्का का भी उत्पादन करें जिससे फसल उत्पादन के साथ-साथ किसानों की आमदनी बढ़ेगी ।कार्यक्रम में उपस्थित जिला पशुपालन पदाधिकारी, मधुबनी के द्वारा पशुपालन विभाग से संबंधित योजनाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराया गया उन्होंने यह भी बताया कि अभी खुरपका- मुंहपका रोग से बचाव हेतु टीकाकरण किया जा रहा है । अतः किसानों को प्रेरित करें कि खुरपका – मुंहपका रोग से बचाव हेतु अपने जानवरों को टीकाकरण कराए।
इस मौके पर जिला परियोजना प्रबंधक, जीविका, कृषि विज्ञान केंद्र , बसेठ , बेनीपट्टी के वरीय वैज्ञानिक- सह- प्रधान श्री मंगलानंद झा तथा कृषि विज्ञान केंद्र, सुखेत ,झंझारपुर के वैज्ञानिक डॉक्टर राहुल सिंह राजपूत तथा सहायक निदेशक ,उद्यान , डॉक्टर सुजीत कुमार , सहायक निदेशक, कृषि अभियंत्रण गौतम कुमार,सहायक निदेशक ,पौधा संरक्षण श्री राम कुमार ,सहायक निदेशक , शस्य, प्रक्षेत्र श्री राकेश कुमार , उप परियोजना निदेशक आत्मा ,मधुबनी श्री राकेश कुमार राहुल एवं जिला मत्स्य कार्यालय से रवि कुमार, अनुमंडल मत्स्य पदाधिकारी,के साथ-साथ जिले के सभी अनुमंडल के अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी ,सभी प्रखंड तकनीकी प्रबंधक ,सभी कृषि समन्वयक ,सभी सहायक तकनीकी प्रबंधक ,सभी किसान सलाहकार ,सभी लेखपाल , सभी कार्यपालक सहायक उपस्थित थे।