भारत -नेपाल कमांडेंट स्तरीय सीमा समन्वय समिति की बैठक शौहार्द पूर्ण वातावरण में हुई संपन्न
बैठक करते
जयनगर
जिले के भारत नेपाल बॉर्डर पर तैनात 48 वीं बटालियन एस एस बी मुख्यालय जयनगर परिसर में कमांडेंट स्तरीय समकक्ष समन्वय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में भारतीय पक्ष से 48 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल कमांडेंट शगोविंद सिंह भण्डारी, संतोष कुमार निमोरिया, उप कमांडेंट (प्रचालन) तथा नेपाल पक्ष से सशस्त्र पुलिस बल के बिनोद केसी, 9 वीं बटालियन एपीएफ, महोत्तरी (नेपाल), दर्शन गिरी, 8 वीं बटालियन एपीएफ, धनुषा (नेपाल), दीपक राज भट्ट एपीएफ जटही व अन्य अधीनस्थ अधिकारी उपस्थित रहे । बैठक के दौरान भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा और प्रबंधन से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच सीमा सुरक्षा और समन्वय को और सुदृढ़ करना था।बैठक के दौरान निम्नलिखित प्रमुख एजेंडा बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया गयाजयनगर में नेपाली रेलवे स्टेशन की सुरक्षा दोनों पक्षों ने जयनगर के नेपाली रेलवे स्टेशन की सुरक्षा पर विस्तार से चर्चा की और इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने के लिए रननीतियाँ साझा किया गया।सीमा प्रबंधन और सुरक्षा सीमा प्रबंधन और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर गहन चर्चा की गई। दोनों देशों ने सीमा पर शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए अपने प्रयासों को तेज करने का संकल्प लिया।तीसरे देश के नागरिकों की अनधिकृत रूप से आवाजाही की जांच आईएनबी (इंटरनेशनल बॉर्डर) पर तीसरे देश के नागरिकों की अनधिकृत आवाजाही को रोकने के उपायों पर चर्चा की गई और इसके लिए कठोर कार्यवाही का निर्णय लिया गया।सीमा पार अपराधों को रोकने के लिए संयुक्त गश्त सीमा पार अपराधों को रोकने के लिए नियमित संयुक्त गश्त को और मजबूत करने की दिशा में विचार किया गया और इसके लिए आवश्यक संसाधनों और समन्वय के उपायों पर सहमति बनी।कार्रवाई योग्य इनपुट साझा करना सुरक्षा एजेंसियों के बीच कार्यवाही योग्य इनपुट्स को त्वरित रूप से साझा करने की दिशा में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई गई।आईएनबी पर अतिक्रमण की लगातार जांच सीमा पर अवैध अतिक्रमण की घटनाओं की नियमित रूप से निगरानी करने और इस प्रकार की गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने पर बल दिया गया।
अनधिकृत ड्रोन का उपयोग सीमा क्षेत्र में अनधिकृत ड्रोन के उपयोग को नियंत्रित करने के उपायों पर चर्चा की गई और ड्रोन की गतिविधियों की सख्त निगरानी का निर्णय लिया गया।सीमा स्तंभों की मरम्मत दोनों देशों के बीच सीमा स्तंभों की मामूली मरम्मत के लिए आपसी सहमति बनी। त्यौहारी सीजन के लिए सतर्कता आगामी दुर्गा पूजा और दीवाली छठ के त्यौहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए सीमा पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने का निर्णय लिया गया।अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे बैठक में अन्य महत्वपूर्ण सुरक्षा मुद्दों पर भी चर्चा की गई, और दोनों पक्षों ने सीमा सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए निरंतर समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया।बैठक में दोनों पक्षो के सदस्यों ने बारी-बारी से मानव तस्करी, शराब के भारतीय सीमा में प्रवेश पर नियंत्रण, बिहार में शराब बंदी को प्रभावी रूप से लागू करने में नेपाल के सीमावर्ती जिलों का महत्वपूर्ण सहयोग,बॉर्डर पर अतिक्रमण, जाली नोटों पर अंकुश, अपराधियों की धड़पकड़ असामाजिक तत्वों द्वारा खुली सीमा का दुरुपयोग, प्रतिबंधित दवाओं का दुरुपयोग,सूचनाओं का आदान-प्रदान सहित कई अन्य महत्वपूर्ण विषयो पर व्यापक चर्चा हुई,एवं संबधित अधिकारियों ने अपनी-अपनी बात रखी। कमांडेंट गोविंद सिंह भंडारी ने सर्वप्रथम नेपाली प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी के साथ स्वागत करते हुए कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी बात विस्तार से रखी। उन्होंने दोनों देशों के संबधित अधिकारियों का एक व्हाट ऐप ग्रुप बनाने की बात कही,ताकि सूचनाओं के आदान-प्रदान में तेजी लाई जा सके। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के संबंध सदियों से अत्यंत प्रगाढ़ रहे हैं।दोनों देशों के बीच बेटी-रोटी का सम्बंध है। उन्होंने कहा की दोनों ही देशों के नागरिकों के बीच आपसी प्रेम एवं सौहाद्र बनी रहे,इसको लेकर भी भी हम निरन्तर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि हमेशा से ही दोनों पक्ष विभिन्न मुद्दों पर आपसी बातचीत से सभी बातों का हल निकालते आए है। उन्होंने कहा कि अपराधियों पर अंकुश लगाना, मानव तस्करी को रोकना, नो मैन्स लैंड अतिक्रमण, शराब के धंधेबाजों के धड़पकड़,सूचनाओं के आदान-प्रदान सहित कई विषयो पर दोनों पक्षो के संबधित अधिकारियों ने अपनी-अपनी बातें रखी,जिसमे कई विषयों पर आपसी सहमति भी जताई गई है।इस समन्वय बैठक के सफल आयोजन के साथ, दोनों देशों ने सीमा पर शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया तथा बैठक के अंत में गोविंद सिंह भंडारी कमांडेंट द्वारा नेपाल के अधिकारियों और अधीनस्थ अधिकारियों को स्मृति चिन्ह देकर धन्यवाद किया गया।