सावन के तीसरे सोमवार को शिलानाथ धाम मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़।
मंदिर परिसर में भड़ी
जयनगर
सावन की तीसरे सोमवार को शिलानाथ धाम मंदिर में शिव के भक्तों ने पूजा-अर्चना की। सुबह से ही मंदिरों में भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। दूध, बेल-पत्र व जलाभिषेक करते हुए महिलाओं ने बड़ी संख्या में भगवान शिव की अराधना की।शिलानाथ मंदिर परिसर स्थित गुफा में सुबह से ही लोगों की कतारें लगना शुरू हो गई। शिलानाथ धाम मंदिर में सुबह से महिलाओं, युवाओं व वृद्धों ने महादेव को जलाभिषेक किया। इसके अलावा कलना कलानेश्वर मंदिर, दुःख हर मंदिर सहित कई छोटे-बड़े मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। सावन की रिमझिम बारिश के जगह चिलचिलाती धूप बीच कई श्रद्धालु नंगे पैर मंदिरों तक पहुंचे व भगवान की अराधना की। इस मौके पर सभी मंदिरों को खूब सूरत लरीयों से सजाया गया हैं। महिलाओं व पुरुषों के लिए अलग अलग कतारों की सुविधा भी थी। डीबी कॉलेज से लेकर शिलानाथ धाम स्थित शिव मंदिर तक बड़ी संख्या में मौजूद भक्तों ने अपने परिजनों के उज्जवल भविष्य की कामना की। वहीं युवतियों ने भी अच्छे जीवनसाथी की कामना करते हुए शिव की अराधना की। साथ ही चौथे व अंतिम सोमवार की तैयारियां भी अभी से शुरू हो गई हैं।पानीपत-बम भोले के भक्तों ने सावन मास के तीसरे सोमवार को शिवालयों में पूजा अर्चना की। हर हर महादेव व बम भोले के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा। मंदिरों में देर शाम महाआरती में सैकड़ों शिव भक्त शामिल हुए।सुबह पांच बजे से ही भक्त पूजा-अर्चना के लिए मंदिर का रुख करने लगे। शिवालयों के प्रवेश द्वार पर घंटे की ध्वनि सुबह से गूंजने लगी। बम भोले की जय, हर हर महादेव व बोल बम के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा। भक्तों ने शिवलिंग पर गंगाजल, फूल, बेलपत्र, धतूरा व अक्षत चढ़ाकर पूजा अर्चना की। उमस के बावजूद शिव भक्त जलाभिषेक के लिए घंटों कतार में लगे रहे।भक्तों ने शिवलिंग पर दुग्धाभिषेक भी किया। मंदिरों में दोपहर लगभग 12 बजे तक भक्तों की भीड़ देखी गई। तीसरे सोमवार को महिलाओं ने व्रत रखा। मंदिर में पूजा के दौरान शिवलिंग पर जल व बेलपत्र चढ़ाया। उन्होंने बताया कि सावन मास का अंतिम सोमवार 19 अगस्त को पड़ेगा। जयनगर में रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा। भक्तों ने किया शिवलिंग पर जलाभिषेक सावन के तीसरे सोमवार को शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए विभिन्न मंदिरों में भक्तों की भीड़ रही। लोगों ने परिवार के साथ विधि विधान के साथ पूजा कर राष्ट्र व परिवार की सुख समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों में भी भक्त उमड़े। मंदिरों में बड़ी संख्या में कांवरीयों ने भी जलाभिषेक किया।भगवान शंकर की पूजा के लिए भक्त सुबह से ही मंदिर पहुंचने लगे। पूजा के लिए भक्त सुबह छह बजे से ही मंदिर पहुंच गए। भक्तों ने शिव लिंग पर दूध के साथ ही बेलपत्र, भांग, धतूरा, फल, मिठाई आदि चीजें चढ़ाकर पूजा की। भक्तों ने हर-हर महादेव की जयघोष की। मंदिरों में भगवान शंकर की भव्य आरती हुई पूजा के बाद भक्तों को प्रसाद का वितरण भी किया गया। मंदिर के साथ ही बड़ी संख्या में लोगों ने घरों में पूजा पाठ की। भक्तों ने घरों में रुद्राभिषेक व कथा का भी आयोजन किया। भक्तों ने दूध व जल से शिव लिंग का रुद्राभिषेक किया। पूजा के बाद महिलाओं ने भगवान शंकर के भक्ती गीत गाए। मंदिरों में सैकड़ों की संख्या में कांवरिए भी जलाभिषेक के लिए पहुंचे। कांवरीयों ने जयनगर के पवित्र कमला नदी से लाए जल से शिव को स्नान कराया। शिव की जयघोष से मंदिर परिसर गूंज उठा। शिव उपासना में लीन रहे भक्त।श्रवण के तीसरे सोमवार को शिलानाथ शिवालयों में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। सुबह से ही धर्मनगरी का माहौल शिवमय हो गया और हर जगह शिव के जयकारों से धर्मनगरी गूंज उठी। 19 अगस्त को श्रवण मास का अंतिम सोमवार रहेगा। श्रावण के पहले और दूसरे सोमवार के बाद तीसरे सोमवार को भी स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं ने शिव मंदिरों में भोले का दूध, दही, घी, शहद और कमला जी के पवित्र जल से अभिषेक किया। सुबह से शुरू हुआ शिव उपासना का दौर शाम तक चलता रहा। मंदिरों में शिव परिवार के साथ भक्तों ने नंदी महाराज की भी पूजा अर्चना की। नंदी महाराज के कान में मनोकामना कहने का सिलसिला सुबह से शाम तक चलता रहा। इस दौरान मंदिरों में लंबी लंबी शिव भक्तों की कतारों को व्यवस्थित करने के लिए पुलिस बल कि व्यवस्था भी चाक चौबंद रही। एसडीओ वीरेंद्र कुमार ने भी मंदिर में पूजा अर्चना किया। अंचलाधिकारी कुमारी सुजाता ने भी अपनी कमान संभाली थी। वही मंदिर के पंडा जीवन झा,लक्ष्मण झा,बैजू झा,कुलानंद झा समेत सैकड़ों अन्य ने भी भीड़ पर नियंत्रण रखने के लिए तत्पर दिखे।