जलवायु अनुकूल खेती में युवाओं की भूमिका’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन
उद्घाटन करते पूर्व केंद्रीय मंत्री
बेनीपट्टी
बेनीपट्टी प्रखंड अंतर्गत एसके चौधरी शिक्षा न्यास द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र चानपुरा बसैठ के सभागार में बुधवार को ‘जलवायु अनुकूल खेती में युवाओं की भूमिका’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व केंद्रीय मंत्री हुक्मदेव नारायण यादव ने दीप प्रज्वलित कर किया। पूर्व वरीय अभियंता सह संस्थान के न्यासी अरविंद चौधरी ने मिथिला की परम्परा के अनुसार पाग व दोपट्टे से सभी अगात अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री यादव ने उपस्थित युवाओं से आह्वान किया कि जिस हिसाब से जलवायु परिवर्तन के कारण कृषि क्षेत्र में एक नई चुनौती सामने आई है। उसमें जलवायु अनुकूल खेती करने की आवश्यकता है। इसके लिये युवा को जलवायु अनुकूल खेती के लिये कृषि विज्ञान केंद्र एवं अन्य संस्थानों तथा कृषि विश्वविद्यालय से तकनीक लेकर एक मिशन भाव से अपने खेती में अपनायें और अन्य कृषकों के बीच भी इसका प्रचार प्रसार करें। ताकि इस तरह की कठिनाईयों में भी भरपूर अन्न उत्पादन हो सके। वहीं संस्थान के वरीय वैज्ञानिक मंगलानंद झा जलवायु अनुकूल खेती हेतु बेहतर भू प्रबंधन, जल प्रबंधन एवं फसल प्रबंधन के महत्व को बताते हुए युवा कृषकों को गर्मी की जुताई, हरी खाद की फसल के रूप में ढैंचा व वर्मी कम्पोस्ट के व्यवहार, कम अवधि की फसल लगाने, वर्षा में पानी का अधिक से अधिक संचयन, बूंद-बूंद पानी के महत्व एवं सिचाई हेतु टपकवा एवं स्प्रिंकलर विधि से सिचाई करने। मिलेट अनाज की खेती के तौर पर कौनी, सामा, कोदो, मरुआ, चीना, बाजरा आदि अनाजों की खेती करने का सलाह दिया। इस अवसर पर संस्थान के वैज्ञानिक प्रमोद कुमार झा, राकेश सिंह यादव व विपुल कुमार ने मोटे अनाज को उगाने की वैज्ञानिक विधि प्रभेद का चयन, खाद व उर्वरक, खरपतवार नियंत्रण एवं उसमें लगने वाले कीट व्याधि का नियंत्रण की विधि की विस्तारपूर्वक जानकारी दी. कार्यक्रम के अंत में 15 दिवसीय समेकित पोषक तत्व प्रबंधन विषय के प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षुओं के बीच प्रशिक्षण प्रमाणपत्र का वितरण किया गया और लोगों को संस्थान से जुड़कर अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने की अपील की गई. मौके पर वेदमती भवनाथ चौधरी कॉलेज ऑफ एजुकेशन के प्राध्यापक डॉ. देवेंद्र कुशवाहा, प्रो. वीरेंद्र कुमार, प्रो. मोहन कुमार, प्रो. गजेंद्र, प्रो. राम बालक, कंचन कुमारी, ईश्वरनाथ झा, चंदेश्वर, परमानंद, एवं पूर्व सहायक निदेशक उद्यान सतीश चंद्र झा समेत अन्य लोग भी मौजूद थे।