अपहृत अमित सकुशल लौटे अपने ससुराल परिवार वाले खुश,पुलिस दवाव में अपहर्ताओं ने 30 घंटे के अन्दर उन्हें किया मुक्त
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खजौली
थाना क्षेत्र के फूलचनिया से ललित लक्ष्मीपुर हाल्ट जाने वाली मुख्य सड़क में बेंता मोड़ के पास से शनिवार की दोपहर अपहृत कलुआही बीआरपी अम्बे कुमारी के पति अमित कुमार मिश्रा रविवार की देर रात सकुशल अपने ससुराल पंडा लक्ष्मीपुर वापस लौट आए। पुलिस की बढ़ती दवाव के कारण अपहर्ताओं ने उन्हें मुक्त कर दिया। अपहर्ताओं ने पुलिस दवाव में उन्हें 30 घन्टे के अन्दर ही मुक्त कर दिया। स्थानीय थाना पुलिस के लिए यह एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। अमित की सकुशल वापसी के बाद अमित के परिवार एवं स्थानीय थाना पुलिस ने भी चैन की सांस ली है। अपहर्ताओं द्वारा उन्हें रात करीब 10 बजे राजनगर थाना क्षेत्र अन्तर्गत एक सुनसान जगह पर छोड़ दिया गया जहां से वे एक टेम्पू से अपने घर आए। स्थानीय थाना पुलिस द्वारा 161 के तहत उनका बयान दर्ज किया गया। पुनः दफा 164 के तहत व्यान के लिए उन्हे मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष पेशी के लिए मधुबनी ले जाया गया। अमित के अनुसार अपहर्ताओं ने उनके साथ मारपीट की और एक 1100 रुपये के नन ज्यूडिशियल स्टाम्प सहित कई सादे कागजों पर जबरन उनका हस्ताक्षर एवं अंगूठे का निशान ले लिया। अपहर्ताओं ने हथियार के बल पर उनका अपहरण कर उन्हें एक काले रंग की स्कार्पियो में बिठा पहले फुलपरास थाना क्षेत्र के सिजौलिया गांव स्थित एक आम के बगीचे में ले जाकर रखा गया। जहां चारो अपहर्ताओं ने रिवाल्वर की नोक पर उनसे मोबाइल फोन पर उनकी पत्नी अम्बे कुमारी से बात करवाया और 50 लाख रुपये फिरौती की मांग करवाया। अमित ने दो अपहर्ता खजौली थाना क्षेत्र के ठाहर गांव निवासी बीरु साफी एवं रुद्रपुर थाना क्षेत्र के पिरसौलिया ग्राम निवासी नरेश साफी को पूर्व से जानने की बात कही। जो भी हो अपहरण पश्चात अमित की सकुशल घर वापसी तो हो गई है। किन्तु उनके अपहरण की मामला अबतक उलझी हुई है। पुलिस प्रशासन भी अभी इस मामले में कुछ स्पष्ट नहीं बता पा रही है। हालांकि थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह भी पहली जांच में इसे पैसे के लेन-देन का मामला बता रहे हैं। इधर घटना को लेकर आसपास के लोगों में भी तरह-तरह की चर्चाएं हैं। कुछ लोग इसे अपहरण तो कुछ इसे आपसी पैसे के लेन-देन का मामला बता रहे हैं। मामले के उद्भेदन में एडीपीओ सदर-टू मनोज कुमार के नेतृत्व में थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह, पीएसआई जितेश कुमार मिश्रा, एसआई विनोद कुमार सक्रिय रुप से जुटे थे।