मधुबनी में मतदाताओं के द्वारा चुपचाप मतदान करने से जीत हार का गणित उलट- पलट सकता
अशोक यादव, अली अशरफ फातमी
मधुबनी
मोहन झां
मधुबनी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 20 मई को मतदान कार्य शांतिपूर्ण संपन्न हुआ है। मतदाताओं के द्वारा चुपचाप मतदान करने के कारण प्रत्याशियों में बेचैनी बढ़ी हुई है। खासकर एनडीए प्रत्याशी भाजपा के डॉ अशोक कुमार यादव के समर्थक काफी परेशान दिखाई दे रहे हैं। वही महागठबंधन के राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी अली अशरफ फातमी के समर्थकों में चहल-पहल काफी देखा जा रहा है। 2019 के चुनाव की अपेक्षा महागठबंधन की स्थिति काफी मजबूत दिखाई दे रहा है। एनडीए के बड़े नेताओं का जो दावा दिखाया जा रहा था की इस बार 2019 के चुनाव से अधिक मतों से डॉ अशोक कुमार यादव जीत दर्ज करेंगे । यह बात मतदान के बाद नहीं दिखाई दे रहा है। डॉ अशोक कुमार यादव के नाम पर मतदाता काफी नाखुश था। परंतु देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर मतदाता सभी बातों को भूल कर एनडीए प्रत्याशी को मदद जरूर।किया है। लेकिन मतदान के प्रतिशत कम होने के कारण जीत हार की गणित को सुलझाना आसान नहीं दिखाई दे रहा है। मधुबनी लोकसभा क्षेत्र में सवर्ण मतदाताओं की संख्या अधिक है परंतु 60, प्रतिशत लोग नौकरी पर बाहर रहते हैं। रोजी-रोटी की तलाश में अधिकांश परिवार घर छोड़कर दूसरे प्रदेश में रहते हैं। जिसके कारण जिला प्रशासन की ओर से मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर कई योजनाएं चलाई गए । परंतु मतदान का प्रतिशत नहीं बढ़ पाया। जिसका मुख्य कारण है लोगों का परिवार दूसरे प्रदेश में रह रहे हैं। मधुबनी लोकसभा में यादव और मुसलमान की संख्या भी अधिक है। यादव और मुसलमानो का मतदान अधिक संख्या में हुआ है। पिछड़ा, अति पिछड़ा वर्ग के लोग भी अधिक संख्या में मतदान किए हैं। लेकिन एनडीए के पत्याशी डॉ अशोक कुमार यादव के द्वारा पिछले 5 वर्षों में मतदाताओं से अच्छा संबंध नहीं रहने के करण उक्त मतदाताओं मे भी नाराजगी देखा गया था। मधुबनी लोकसभा क्षेत्र मैं मतदाताओं के द्वारा चुपचाप मतदान करने के कारण मधुबनी के राजनीतिक दालों के नेतओं में जीत हार की चर्चा नहीं हो रही है। सभी के ज़ुबानी पर एक ही बात निकलता है कि अब 4 जून का प्रतीक्षा करें। 4 जून को ही स्पष्ट होगा की मधुबनी की जनता किसे अपना सांसद चुना है। राजनीतिक विश्लेषण कारों का भी हाल ठीक-ठाक नहीं दिख रहा है। चुनाव के दरमियान बड़े नेताओं भाजपा बड़े नता केंद्रीय गह मंत्री अमित शह, नाम मधुबनी जिला में चार बार चुनाव प्रचार के तहत चुनावी सभा को संबोधित किया, इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मैं भी कई चुनावी सभा को संबोधित किया। लेकिन महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ने कई जनसभा को संबोधित किया। दोनों दालों के नेताओं के चुनावी सभा में भीड़ की संख्या तेजस्वी यादव में अधिक दिख रहा था। अमित शाह के चुनावी सभा में नेताओं की भीड़ लगी रही। चुनाव में मतदान कार्य संपन्न हो गया है। लेकिन जीत हार की चर्चा में दोनों दालों के नेता के जबान पर स्पष्ट जीत की चर्चा नहीं देखा जा रहा है। मतदाताओं के द्वारा चुपचाप मतदान करना सभी राजनीतिक गणित को उलट-पुलट दिया है। देखना है 4 जून को किसके गले में मधुबनी का सांसद का ताज मिलता है।